मुंबई पुलिस (Mumbai Police) द्वारा रेटिंग (TV Ratings) में हेरफेर के लिए रिपब्लिक टीवी और दो अन्य चैनलों के खिलाफ जांच का ऐलान करने के बाद, एक व्यक्ति ने खुलासा किया है कि उसे कुछ चैनलों को देखने के लिए मंथली पेमेंट मिल रहा था।
उसके घर में व्यूवरशिप की जांच के लिए “पीपुल मीटर” लगा य. व्यक्ति उन तीन गवाहों में से एक है जिसको पुलिस के मुताबिक चैनलों ने रिश्वत दी थी. उससे यह भी कहा था कि उसके घर पर लगा मीटर उसके बिलों की देखभाल करेगा और उसके डीटीएच को अपने आप रिचार्ज कर देगा।
उक्त दर्शक ने एनडीटीवी को बताया कि “बार-ओ-मीटर के एक्जीक्युटिव ने मुझे बॉक्स सिनेमा (जांच के तहत तीन चैनलों में से एक) देखने के लिए कहा था।
उन्होंने कहा था कि मुझे चैनल को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक देखना चाहिए और मुझे 500 रुपये दिए गए थे।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने यह दो से तीन साल तक किया और उन्हें कभी भी यह एहसास नहीं हुआ कि इसे टीवी रेटिंग या टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि बाद में उने गांव जाने पर यह सिलसिला रुक गया। उन्होंने कहा कि “मैं दूर था और मेरा टीवी बंद था। मैंने उनसे कहा कि मैं अब टीवी नहीं देख रहा हूं।”
टीवी रेटिंग फ्रॉड में मुंबई पुलिस ने जिन चार लोगों को पकड़ा था उनको अदालत ने 13 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अबतक की जांच में पता चला है कि जिनके घर में टीवी रेटिंग जांचने की मशीन लगी हुई है, उन लोगों को पैसे देकर चैनल की रेटिंग बढ़ाई जा रही थी।
मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गुरुवार को इस फ्रॉड का पर्दाफ़ाश किया जिसके बाद मामले में गिरफ्तार चार आरोपी शुक्रवार को अदालत में पेश हुए. गिरफ्तार आरोपियों में दो छोटे चैनल फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिक शामिल हैं।
पुलिस ने अदालत को बताया कि एक आरोपी के पास से 20 लाख रुपये ज़ब्त किए गए जबकि बैंक लॉकर में 8.5 लाख रुपये मिले हैं। अदालत ने चारों आरोपियों को 13 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पता चला है कि जिन घरों में रेटिंग के बॉक्स लगे हुए हैं, उन घरों के लोगों को पैसे देकर किसी एक चैनल को लगातार चालू रखने को कहा जाता था।
इनमें से कई लोग गरीब हैं, जिन्हें पता भी नहीं था कि उनके घर में लगे बॉक्स से रेटिंग को मापने का काम किया जाता है। एक दर्शक ने कहा कि ”हमें कहा गया था कि अगर हम इस बॉक्स को लगाते हैं तो बिजली और टीवी का बिल नहीं देना पड़ेगा.. बाद में बोला गया कि एक चैनल को 2 बजे से 4 बजे तक देखने के लिए 400 रुपये दिए जाएंगे.”