दिल्ली में 23 फरवरी से जारी हिंसा के बीच यहां पुलिस ने अब बड़ा खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि इस हिंसा में शामिल 12 लोगों की पहचान कर ली गई है। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई इस हिंसा में दिल्ली के दो बड़े गैंग के शामिल होने की बात कही जा रही है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली में हिंसा करने में कुख्यात (Chenu Gang) और नासिर गैंग (Nasir Gang) का हाथ है। कहा जा रहा है कि छेनू गैंग को हायर कर यह पूरी हिंसा भड़काई गई थी।
यमुनापार के रहने वाले कुख्यात छेनू पहलवान व नासिर गिरोह आज की तारीख में दिल्ली पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द हैं। दोनों गिरोहों में पहले कई बार दिनदहाड़े गैंगवार की घटनाएं होती आई हैं। छेनू गैंग को दिल्ली का सबसे खूंखार गैंग माना जाता है। यह गैंग दिल्ली के साथ लोनी गाजियाबाद इलाके में भी सक्रिय है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली हिंसा में करीब 600 राउंड फायरिंग हुई है। हिंसा के लिए हथियार और गोलियां छेनू गैंग के लोगों ने ही उपलब्ध कराया है।
पुलिस को आशंका है कि हिंसा भडकाने और आगजनी करने के लिए छेनू गैंग को हायर किया गया था और इन गैंग्स की मदद से पहले से साजिश रच कर हिंसा भड़काई गई।
छेनू-नासिर के बीच ऐसे शुरू हुआ गैंगवार :
साल 2004 में बिजनौर निवासी आरिफ के साथ नासिर अवैध हथियारों की सप्लाई करता था। वह दिल्ली के बदमाशों को हथियार पहुंचाते थे। वर्ष 2010 में स्पेशल सेल ने नासिर को 55 लाख की डकैती के मामले में गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद नासिर ने कुख्यात बदमाश हाशिम बाबा से दोस्ती कर ली।हाशिम की अकील मामा और छेनू गिरोह से रंजिश चल रही थी। छेनू कुख्यात बदमाश हाजी अफजाल और कमल का चचेरा भाई था।
इस कारण नासिर भी इनका विरोधी हो गया और यहीं से शुरू हुई दोनों गैंग के बीच गैंगवार। छेनू अपनी गैंग का शार्प शूटर माना जाता है।