उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अब तो इन लोगों में इतनी भी हिम्मत नहीं रही कि स्वयं आंदोलन करने की स्थिति में हो इसलिए अपने घर की महिलाओं को चौराहे-चौराहे पर बिठाना प्रारंभ कर दियाा।
इतना बड़ा अपराध कि पुरूष घर में सो रहा है रजाई ओढ़कर और महिलाओं को आगे करके चौराहे-चौराहे पर बिठाया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस, सपा और वामपंथी दलों पर आरोप लगाया कि विपक्षी दल महज राजनीति कर रहे हैं और विरोध के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाये जा रहे हैं।
विरोध के नाम पर महिलाओं को आगे किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ”आप जाके पूछे उनसे किसी से भी कि धरने पर क्यों बैठे है तो कहते हैं कि घर के मर्द कहते है कि हम इतने अक्षम हो चुके हैं कि कुछ कर सकें इसलिये तुम धरने पर जाकर बैठ जाओ. इनके लिये देश महत्वपूर्ण नहीं है.”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं फिर इस मंच से कहूंगा कि लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देना सब का अधिकार है .
लेकिन, कोई सार्वजनिक संपत्ति को, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जलायेगा, तोड़फोड़ करेगा तो हम उसकी संपत्ति से वसूली करके ले लेंगे और आगे के लिए हम उनको वह सजा देंगे कि आने वाली पीढ़ी उन्हें याद करेगी कि कैसे कार्य होते हैं. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कीमत क्या होती है इसके बारे में उनको 10 बार सोचना पड़ेगा.”