एंकर :झांसी मैं इन दिनों आरटीओ ऑफिस बना दलालों का अड्डा जहां उत्तर प्रदेश सरकार हर विभाग को दलालों से पूरी तरह मुक्त करने की
बात करती है वही झांसी का आरटीओ ऑफिस दलाली का गढ़ बन गया है गाड़ी की फिटनेस हो या लर्निंग लाइसेंस हो हर किसी चीज के लिए
दलाल सक्रिय घूम रहे हैं आरटीओ ऑफिस में आप किसी भी समय जाएं तो किसी ना किसी दलाल से रूबरू जरूर होना पड़ेगा इन दलालों से
आम जनमानस पूरी तरह से पीड़ित हो चुका है लोग अपने छोटे से छोटे काम के लिए इन दलालों के चंगुल में आसानी से फंस जाते हैं यह उन्हें
जल्द से जल्द काम करने का आश्वासन देते हैं और आम जनमानस इनकी बातों में आ जाता है यहां से शुरू होता है इन दलालों का खेल इनके
चंगुल में जो सिर्फ एक बार फंसा उसके बाद महीनों उसको इन दलालों के इर्द-गिर्द घूमना पड़ता है आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों की
अगर बात करें इतना सब होने के बावजूद भी वह पूरी तरह से अनभिज्ञ बने बैठे हैं उनका मानना है कि आरटीओ ऑफिस से दलाल पूरी तरह
से साफ कर दिए गए हैं लेकिन आम जनमानस के अगर हम बात करते हैं तो पता चलता है कि किस तरह से दलालों का यह जाल पूरे के पूरे
आरटीओ ऑफिस को अपने चंगुल में फंसे हुए हैं
आरटीओ सत्येंद्र कुमार से बात करने पर उन्होंने तो पूरी तरह से आरटीओ कार्यालय को दलालों से मुक्त करार दे दिया उनका कहना है कि
हमारे इस कार्यालय में किसी भी तरह की कोई दलाली या कोई दलाल नहीं है यहां जनता की जो भी समस्या होती है उसको हम आसानी के
साथ निपटारा करते हैं वही जनता से बात करने पर उन लोगों ने आरटीओ और एआरटीओ सत्येंद्र कुमार के ऊपर सीधा सीधा आरोप लगाया
और उनका आरोप लगाना भी वाजिब है क्योंकि किसी भी कार्यालय में वहां के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना कोई भी काम नहीं हो
सकता आखिर झांसी का यह आरटीओ कार्यालय इन दलालों के चंगुल से कब मुक्त होगा क्या योगी सरकार इस पर कभी अंकुश लगा पाएगी
या यहां भी सिर्फ और सिर्फ बातें ही बातें रह जाएंगी