फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंच चुके है असा कहा जा रहा है कि ये लड़ाकू विमान युद्ध में हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और एलएसी पर चीन के साथ तनाव को देखते हुए इनकी तैनाती लद्दाख में हो सकती है।
कहा जा रहा है कि इस विमान से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी राफेल के मुकाबले चीन में चेंगदू जे-20 और पाकिस्तान के पास अमेरिका से आयातित एफ-16 लड़ाकू विमान है।
आईए जानते हैं कि तीनों विमानों में कौन ज्यादा ताकतवर विमान है।
राफेलपाकिस्तान का एफ-16 फाइटर जेट तो भारतीय राफेल के आगे कहीं नहीं टिकता। लेकिन चीन का जे-20 फाइटर जेट कई मामलों में राफेल को टक्कर देता है। लेकिन चीन के फाइटर जेट का जवाब भी हमारे पास है।
राफेल को चौथीा पीढ़ी का लड़ाकू विमान माना जाता है और यह दुनिया के बेहतरीन आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक है। चीन अपने लड़ाकू विमान जे-20 को पांचवी पीढ़ी के होनो का दावा करता है। फिर भी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राफेल चीन के लड़ाकू विमान जे-20 से कई मायनों में आगे है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए राफेल उड़ाने एवं उसका फ्लाइट टेस्ट करने वाले एयर मार्शल (रिटायर्ड) आर नांबियार ने कहा है कि चीनी जे-20 से राफेल कहीं अधिक श्रेष्ठ लड़ाकू विमान है।
भले ही जे-20 को पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान माना जाता है लेकिन शायद इसमें 3.5 पीढ़ी वाले लड़ाकू विमान की खूबियां हैं और इसमें तीसरी पीढ़ी के विमान का इंजन लगा है जैसा कि हमारे सुखोई में है।
राफेल बरपाएगा ज्यादा कहर
राफेल का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है. जबकि, एफ-16 का 4200 किलोमीटर है। वहीं, जे-20 का 3400 किलोमीटर है। कॉम्बैट रेडियस यानी अपनी उड़ानस्थल से जितनी दूर विमान जाकर सफलतापूर्वक हमला कर लौट सकता है, उसे विमान का कॉम्बैट रेडियस कहते हैं।
राफेल में तीन तरह की मिसाइलें लगेंगी. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइ। हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल। तीसरी है हैमर मिसाइल। इन मिसाइलों से लैस होने के बाद राफेल काल बनकर दुश्मनों पर टूट पड़ेगा।
पाकिस्तान की एफ-16 सिर्फ एमराम मिसाइलें हैं. जो सिर्फ 100 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। चीन के जे-20 जेट में 300 किमी तक मार करने वाली पीएल-15 मिसाइलें और 400 किलोमीटर तक मार करने वाली पीएल-21 मिसाइल लगी है। राफेल ऊंचाई हासिल करने के मामले में पाकिस्तान के एफ-16 से बहुत आगे है।