नयी दिल्ली, 10 अप्रैल (भाषा) दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामले आने वाले दिनों में बढ़ने की आशंका है, क्योंकि शहर घनी आबादी वाला है । साथ ही उन्होंने ‘फ्लू’ जैसे लक्षणों वाले लोगों से मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने को कहा।
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को कोविड-19 के 699 मामले सामने आये थे और चार लोगों की मौत हो गई थी।
भारद्वाज ने संवाददाताओं से कहा कि रविवार को दर्ज की गई तीन मौतें विभिन्न बीमारियों के कारण हुईं, जिन्हें गलती से कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों में गिन लिया गया था। मात्र एक की मौत का प्राथमिक कारण कोविड-19 था।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “कोई भी मौत दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार और इसका स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है।
भारद्वाज ने लोगों को आगाह किया कि आने वाले दिनों में शहर में कोविड के मामले बढ़ने की आशंका है।
उन्होंने कहा, “दिल्ली घनी आबादी वाला शहर है। मामले बढ़ेंगे और बहुत से लोगों में बुखार और खांसी से फ्लू, इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण दिखेंगे, लेकिन वे ठीक हो जाएंगे।”
मंत्री ने कहा, “ऐसे लक्षण वाले लोगों को सार्वजनिक जगहों पर नहीं जाना चाहिए। अगर किसी को ऐसी जगहों पर जाना ही है तो मास्क पहनें और अन्य सुरक्षा मानदंडों का पालन करें, ताकि वे दूसरों को संक्रमित न करें।”
भारद्वाज ने कहा कि जो लोग बीमार हैं या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उन्हें बार-बार अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए।
देश में कोविड की स्थिति को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच सात अप्रैल को हुई बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में विशेषज्ञों के हवाले से कहा “एक्सबीबी1.16” गंभीर बीमारी का कारण बन रहा है। “एक्सबीबी1.16” वर्तमान में कोरोना वायरस का सबसे प्रचलित स्वरूप है।
भारद्वाज ने कहा, “हम संक्रमित पाये गये सभी नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कर रहे हैं। अब तक हमने देखा है कि नमूने या तो एक्सबीबी.1.6 या इसके उप-स्वरूप के साथ मिले हैं। दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं। आमतौर पर यह देखा जाता है कि मामले बढ़ते हैं, एक स्तर पर पहुंचते हैं और फिर घटने लगते हैं। अभी शहर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।”
लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने कहा कि और मामले सामने आएंगे, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कोविड-19 से पीड़ित एक बच्चे को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्चे को हाल ही में छुट्टी दे दी गई।
कुमार ने कहा कि यह नया स्वरूप गंभीर बीमारी पैदा नहीं कर रहा है। यह उन आयु वर्ग के बच्चों को प्रभावित कर रहा है जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की दर नहीं बढ़ी।