एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है। जिसमें प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पर सरकार का विशेष ध्यान है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों के लिए सरकार की तरफ से किताबों ड्रेस तथा दोपहर में भोजन की व्यवस्था है।
पर वहीं कुछ विद्यालय ऐसे भी जहां बच्चों के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे ही एक विद्यालय में द नेटीजन न्यूज़ की टीम पहुंची विद्यालय कहीं और नहीं बल्कि राजधनी लखनऊ के सरोजिनी नगर में स्थित है।
मेदांता हॉस्पिटल के पीछे तथा लखनऊ के प्रसिद्ध लुलु मॉल से महज डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर है। जिसका हाल बद से बदतर है जिस विद्यालय में ना तो बाउंड्री वाल है ना बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था है और ना ही बिजली है इतनी गर्मी में बच्चे बिना पंखे के पढ़ने पर मजबूर हैं। गर्मी की वजह से कुछ बच्चों को आये दिन चक्कर आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
स्कूल के रसोईया बच्चों के लिए पानी बाल्टी में भर-भर के दूर से लाते हैं। इससे बच्चे खाने के बाद पीते हैं। जिस विद्यालय को प्रदेश के विद्यालयों का रोल मॉडल होना चाहिए। वो अपनी खस्ता हालत का रोना रो रहा है।
विद्यालय में बाउंड्री न होने से जानवर घुस जाते है जिससे बच्चो को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हलांकि विद्यालय के छत पर पानी की टंकी रखी हुई है पर उस टंकी में पानी कैसे भरा जाये इसकी कोई व्यस्था नहीं की गई है। न समरसेबुल न ही बिजली है जो बताता है की काम कितनी ईमानदारी से किया गया है।
विद्यालय में पंखे तो टांग दिए गए हैं पर सवाल ये है कि वो चले कैसे क्योंकि 2008 में विद्यालय का निर्माण हुआ है। तब से विद्यालय में बिजली आयी ही नहीं है जो बताता है कि किस कदर भ्रष्टाचार किया गया है।
राजधानी के विद्यालय का ऐसा हाल है तो दूर दराज के ग्रामीण विद्यालयों का क्या हाल होगा। ऐसे विद्यालयों की झाँच होनी चाहिए। तथा संबंधित अधिकारिओं को ध्यान देना चाहिए जल्द से जल्द बच्चों को हो रही सभी समस्याओं का समाधान हो सके।