शिक्षा समाचार : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सहायक प्रोफेसर पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। एक जुलाई से लागू हुए नए नियमों के तहत राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा, राज्य पात्रता परीक्षा और राज्य स्तर पात्रता परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार सहायक प्रोफेसर बन सकेंगे।
कुछ साल पूर्व यूजीसी ने सहायक प्रोफेसर के लिए पीएचडी को अनिवार्य बना दिया था लेकिन इस बदलाव के बाद भी इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। नियुक्ति प्रक्रिया में जब एकेडमिक स्कोर तैयार होता है तो पीएचडी उम्मीदवार को ज्यादा अंक दिए जाते हैं और गैर पीएचडी को कम।
ऐसे में पीएचडी उम्मीदवार की मौजूदगी में गैर पीएचडी धारक की नियुक्ति मुश्किल होती है। जहां पीएचडी उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, वहां जरूर इसका फायदा होगा।
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा, सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी वैकल्पिक पात्रता बनी रहेगी। नेट, सेट और एसईएलटी सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में सहायक प्रोफेसर पद पर सीधी भर्ती के लिए न्यूनतम मानदंड होंगे। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से नए प्रावधान लागू किए गए हैं। यूजीसी ने अधिसूचना भी जारी की है।
सहायक प्रोफेसर पद पर भर्ती के नियमों में बदलाव किया गया है। उच्च शिक्षा संस्थानों में सहायक प्रोफेसर यानी सहायक प्राध्यापकों की सीधी भर्ती में नेट/ एसईटी/ एसएलईटी को न्यूनतम योग्यता मानंदड बनाते हुए अनिवार्य कर दिया है।