नई दिल्ली: विपक्षी दलों के विरोध के बीच लोकसभा में शुक्रवार को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक 2021 पेश किया गया जिसमें सार्वजनिक हित में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष बढ़ाया जा सकता है और पांच वर्ष की अवधि तक उसे विस्तार दिया जा सकता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लोकसभा में कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल तक सीमित करने वाले दो विधेयकों को पेश किया.
दोनों विधेयकों का विरोध करते हुए कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाने का कदम सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों की घोर अवहेलना है.
सीबीआई के निदेशक का चयन प्रधानमंत्री, भारत के प्रधान न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता की एक समिति की सिफारिश के आधार पर होता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चर्चित विनीत नारायण मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मद्देनजर सीबीआई और ईडी के निदेशकों को उनकी नियुक्ति की तारीख से दो साल का निश्चित कार्यकाल मिलता है.
ईडी निदेशक की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिश पर की जाती है जिसमें सतर्कता आयुक्त, गृह सचिव, कार्मिक विभाग और प्रशिक्षण सचिव और राजस्व सचिव शामिल होते हैं.
दो साल की निश्चित अवधि का उद्देश्य सीबीआई और ईडी के प्रमुखों को उनके द्वारा की गई जांच के लिए किसी भी प्रतिकूल कार्रवाई की चिंता किए बिना सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त काम करना सुनिश्चित करना था.
गौरतलब है कि बीते 15 नवंबर को सरकार ने सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल मौजूदा दो वर्ष की जगह अधिकतम पांच साल करने संबंधी दो अध्यादेश जारी किए थे.
अध्यादेशों के मुताबिक, दोनों ही मामलों में निदेशकों को उनकी नियुक्तियों के लिए गठित समितियों द्वारा मंजूरी के बाद तीन साल के लिए एक-एक साल का विस्तार दिया जा सकता है.
यह भी उल्लेखनीय है कि विवादित अध्यादेश लाने के बाद केंद्र ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल एक साल और बढ़ाया है.
आयकर विभाग के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) कैडर के 1984 बैच के अधिकारी मिश्रा का पहले से विस्तारित कार्यकाल 17 नवंबर 2021 को समाप्त होना था.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि इसे 18 नवंबर 2021 से 18 नवंबर 2022 तक, या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, आगे एक वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है.
61 वर्षीय मिश्रा 1984 बैच के आयकर कैडर में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं और उन्हें पहली बार 19 नवंबर 2018 को एक आदेश द्वारा दो साल की अवधि के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था. बाद में 13 नवंबर 2020 के एक आदेश द्वारा नियुक्ति पत्र को केंद्र सरकार द्वारा पूर्व प्रभाव से संशोधित किया गया और दो साल के उनके कार्यकाल को तीन साल के कार्यकाल में बदल दिया गया.
केंद्र के 2020 के इस आदेश को उच्चतम न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी, जिसने विस्तार आदेश को बरकरार रखा लेकिन शीर्ष अदालत ने कहा था कि मिश्रा को आगे कोई विस्तार नहीं दिया जा सकता है.
हालांकि, इसे दरकिनार करते हुए केंद्र सरकार ने उक्त दो अध्यादेश जारी किए जिसमें कहा गया था कि ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल अब दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि संजय कुमार मिश्रा विपक्ष के नेताओं के खिलाफ कई मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को भी देख रहे हैं. 2020 में उनके सेवा विस्तार के समय द वायर ने एक रिपोर्ट में बताया था कि कम से कम ऐसे सोलह मामले, जो विपक्ष के विभिन्न दलों के नेताओं से जुड़े हुए हैं, मिश्रा की अगुवाई में ईडी उनकी जांच कर रही है.