यूपी के सात शहरों में पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था लागू है.
इन शहरों में जल्द ही पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी. मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान यह जानकारी सूबे के डीजीपी प्रशांत कुमार ने दी. वह कानपुर के द स्पोर्ट्स हब में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के चार साल पूरे होने पर आयोजित मंथन कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. उन्होंने कहा, उप्र पुलिस ने कुछ समय पहले ही कमिश्नरेट की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट कराया है.
महाकुंभ के दौरान जिस तरह की पुलिसिंग की गई, उसे देखते हुए तमाम सुझाव मिले हैं, जिन्हें धरातल पर जल्द क्रियान्वित कराएंगे.उन्होंने कहा कि उप्र पुलिस द्वारा हाल ही में सवा दो लाख भर्तियां की गईं, जिनमें पूरी पारदर्शिता बरती की गई.
साथ ही डेढ़ लाख पुलिसकर्मियों को प्रोन्नत किया गया है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अभी कमिश्नरेट की व्यवस्था उन्हीं शहरों में लागू है, जहां जनसंख्या अधिक होती है.
आगे कहा कि योगी सरकार में पुलिस ने अपराध और अपराध करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को लागू कर रखी है, जो आगे भी जारी रहेगी मंथन कार्यक्रम के दौरान पुलिसकर्मियों को सीख देते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि जो अवसरों को भुनाते हैं वह निखरते हैं. जो नहीं भुना पाते हैं, वह बिखरते हैं.
उन्होंने राज्य सरकार के आठ साल पूरे होने पर उप्र पुलिसिंग से जुड़े कई आंकड़ों की भी जानकारी दी. बताया, पिछले 14 माह में ही ऑपरेशन कन्विकशन के तहत 79 हजार आरोपियों को सजा दिलाई गई. आठ सालों में पुलिस के अंदर जो बदलाव दिखे हैं, वह उससे पहले के 15 सालों से बहुत बेहतर हैं.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कानपुर कमिश्नरेट के सभी अभियानों- ऑपरेशन त्रिनेत्र, ट्रैफिक दोस्त, ऑपरेशन कन्विकशन को सराहा. साथ ही बेहतर काम करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया.
कार्यक्रम का संचालन पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने किया. विशिष्ट अतिथि के तौर पर राज्यमंत्री असीम अरुण ने सुझाव कमिश्नरेट की बेहतरी के लिए दिए.
इस मौके पर द स्पोर्ट्स हब के निदेशक पीयूष अग्रवाल, संजीव पाठक, हास्य अभिनेता अन्नू अवस्थी समेत कई अन्य जन उपस्थित रहे.
कानपुर से कमर आलम की रिपोट
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