सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ व्यवस्था लागू करने के निर्णय के विरोध में आज पूरे देश में बाजार बंद का आवाहन किया गया था जिसका असर जनपद जालौन में भी देखा गया ।
जालौन जिले के कोंच उरई में आज सुबह 11 बजे से कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने मुख्य चौराहों भारी संख्या में एकत्रित होकर ‘क्रीमी लेयर’ का विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जम कर नारे बाजी की साथ ही
जिला मुख्यालय के अंबेडकर चौराहा पर एकत्रित हुए और एक जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए नगर के मुख्य चौराहों से होकर ये प्रदर्शनकारी जिला कलेक्ट्रेट पहुचे और वहाँ भी जमकर नारेबाजी की इन सब के बीच पुलिस भारी मात्रा में मौजूद रही
इतना ही नही जब प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट पहुँचे तो प्रशासन ने कलेक्ट्रेट का मुख्य द्वार बंद कर दिया ताकि कोई घटना घटित न हो सके काफी देर तक कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शनकारी अपना विरोध प्रदर्शन करते रहे इसी बीच भाकपा माले समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आजाद समाज पार्टी सहित कई दल और सामाजिक संगठनों ने भी अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करवाई काफी हंगामे के बीच सभी दलों और संगठन के कार्यकर्ताओं ने
भारत के राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी जालौन को सौंपा।
गौरतलब हो कि सर्वोच्च न्यायालय के 1 अगस्त 2024 को अनुसूचित जाति, जनजाति आरक्षण मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को डायरेक्शन दिया है कि सरकारें आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमी लेयर की व्यवस्था लागू करें। इसके विरोध में इंडिया गठबंधन और सामाजिक संगठनों ने किया है ।
भेजे गए ज्ञापन में महामहिम राष्ट्रपति से मांग की है कि सर्वोच्च न्यायालय अपना असंवैधानिक फैसला वापस ले। भारत सरकार कानून बनाकर सर्वोच्च न्यायालय का डायरेक्शन रद्द करें ।भारत सरकार अनुसूचित जाति/ जनजाति आरक्षण को 9वी अनुसूची में शामिल करें।
अनुसूचित जाति /जनजाति आरक्षण आर्थिक आधार पर नहीं होना चाहिए। अनुसूचित जाति/ जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर व्यवस्था लागू नहीं होना चाहिए। जजों की नियुक्ति में आरक्षण लागू किया जाए।
राज्यसभा व विधान परिषद में भी आरक्षण लागू किया जाए । प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू किया जाए। लैटरल इंट्री बिल परीक्षा आई ए एस बनाना खत्म किया जाए या इसमें भी आरक्षण लागू किया जाए आदि 10 मांगों को लेकर बात रखी गयी है।
सुनिये क्या कहते हैं राजीनीतिक कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता