कानपुर के खेरेपति मंदिर का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है ।
यह मंदिर विशेष रूप से शेषनाग भगवान को समर्पित है जिन्हें नागों का देवता माना जाता है । इस बार विशेष योग बनने से मंदिर में कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया । नाग पंचमी के दिन मंदिर में शेषनाग भगवान का श्रृंगार कर विशेष पूजन किया जाता है । सुबह सवेरे मंदिर का पट खुलने के बाद दोपहर 12 बजे मंदिर बंद कर दिया जाता है।
इस अवसर पर लाखों लोग यहां नाग पंचमी के दिन दर्शन करने आते हैं । इस मंदिर का निर्माण पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनंत मिश्रा अंटू के बाबा ने अपनी माता जी के कहने पर करवाया था । लोगों का मानना है कि आज भी यहां नाग देवता वास करते हैं और लोगों की मनोकामना पूरी करते हैं।
शहर के माल रोड स्थित नाना राव पार्क के सामने खेरेपति मंदिर स्थापित है । इस मंदिर की बनावट में ही शेषनाग भगवान की छवि दिखाई देती है।
इस मंदिर का नागपंचमी के पर्व पर विशेष महत्व और दर्शन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
मंदिर के पुजारी राजीव दीक्षित ने बताया कि यह शेषनाग भगवान का मंदिर है।
यहां साक्षात नाग देवता का वास है। लगभग 100 साल से भी ज्यादा पुराने मंदिर के बारे में लोग बताते हैं, कि शहर के सिविल लाइन में रहने वाली फुलझारा देवी को एक सपना आया था की यहां इस स्थान पर एक कुआं बना हुआ है, इसी कुआं में नाग देवता वास करते हैं और नाग देवता का यह आदेश है कि यहां पर मंदिर का निर्माण कराया जाए।
इसके बाद जब यहां पर देखा गया, तो यह सच पाया गया कि यहां पर कुआं है । जहां नाग देवता वास करते हैं । इस कुएं के पास शेषनाग भगवान स्थापित कराए गए। यहां पूजा अर्चना होने लगी, लोगों की मनोकामनाएं पूरी होने लगी।
सावन के महीने में नाग देवता दर्शन देने के लिए भी आते हैं। लोग श्रद्धा से यहां दूध जल चढ़ने के लिए पहुंचते हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट -कमर आलम
9454448588
9455858280