सीएम योगी की सख्ती के बावजूद, कानपुर महानगर में पुलिसिया ढिलाई जारी है। इसके चलते गुंडे-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
हालिया घटना में जेल में बंद पूर्व विधायक इरफान सोलंकी गैंग के कुख्यात भूमाफिया साथी, पेंचबाग निवासी केके उर्फ कलीम खान ने अपने गैंग के साथ दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दे डाला। केके ने कचहरी परिसर में बने रजिस्ट्री कार्यालय में, हथियारबंद गुर्गों संग घुसकर बिल्डर और उसके वकील पर जानलेवा हमला कर दिया। मुवक्किल को बचा रहे उसके वकील विकास कुमार गुप्ता को सरेआम पीटा।
केके और उसके गुर्गों ने कथित तौर पर जान से मारने की नीयत से वकील और मुवक्किल को रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में ही दबोच लिया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार केके और गैंग बिल्डर और वकील को जमीन की रजिस्ट्री कराने पर जान से मार डालने की धमकी दे रहे थे। दुस्साहसिक वारदात देख कर वकीलों ने हमलावरों को पकड़ने के लिए दौड़ा लिया। इसपर शातिर केके उर्फ कलीम खान गैंग समेत भाग निकला। लेकिन हमले में शामिल गैंग के कथित सदस्य दीपक पांडे अधिवक्ताओं के हत्थे चढ़ गया।
कचहरी परिसर चौकी पुलिस ने उसको हिरासत में लिया, पर बाद में दबाव पड़ने पर छोड़ भी दिया गया। केके गैंग के हमले में वकील के हाथ पर जख्म हो गया। बिल्डर मुवक्किल मो. अकबर को भी हमले में चोटें आई हैं।
पीड़ित वकील विकास गुप्ता ने थाना कोतवाली में हमलावर भूमाफिया केके उर्फ कलीम खान के खिलाफ पांच संगीन धारों में एफआईआर दर्ज करवाई है। उनके अनुसार केके उनके मुवक्किल को जमीन की रजिस्ट्री करने से रोकना चाहता था। बीते शनिवार को हुई इस वारदात के बाद अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं होने से अधिवक्ताओं में आक्रोश है।
पकड़े गए एक हमलावर को छोड़ दिए जाने को लेकर भी वकीलों में गुस्सा है।
पीड़ित अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि शातिर भूमाफिया केके उर्फ कलीम खान भूमाफियागीरी में लिप्त इरफान सोलंकी गैंग का सदस्य है। वो इरफान के लिया विवादित जमीनों पर कब्जे और खरीद बेंच का काम करता है।
पीड़ित एडवोकेट विकास और बिल्डर मो. अकबर के अनुसार केके उर्फ कलीम खान पर बेकनगंज, चमनगंज और जाजमऊ आदि थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, जमीनों पर कब्जे, सार्वजनिक हिंसा, जानमाल की धमकी देने आदि संगीन धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से कई मुकदमों को इस शातिर ने किसी तरह खत्म करवा लिया है, तो वहीं कई मुकदमे जारी हैं।
कचहरी परिसर में घटित दुस्साहसिक वारदात से आक्रोशित वकीलों ने सुरक्षा बढ़ाने, हथियारों को सख्ती से वर्जित करने और वकीलों की सुरक्षा के लिए बने एक्ट को लागू करने की मांग की है।
अधिवक्ता विकास के अनुसार पुलिस और मीडिया से बचने के लिए शातिर केके कलीम खान ने मीडिया का चोला पहनने का प्रयास किया है।
खुद को एक नामी अखबार का शहर प्रबंधक बताता है। अधिवक्ता और पीड़ित बिल्डर के अनुसार उक्त अखबार के मालिकान से लिखित में केके की अपराधिक रिकॉर्ड देकर आपत्ति दर्ज करवाएंगे।
बताया गया कि शातिर केके ने अपने घर और एक कब्जा की बिल्डिंग पर भी उक्त अखबार का एक बोर्ड लगवाकर खुद को प्रबंधक लिखवा रखा है।
ब्यूरो रिपोट -कमर आलम