देवा महादेवा की पावन धरती बाराबंकी जिसका इतिहास पौराणिक गाथाओं से भरा पड़ा है पाण्डवकाल से लेकर सतयुग तक कई देवताओं और महापुरुषों ने बाराबंकी में अपने कदम रखकर इस धरती को धन्य कर दिया है ।
आपको बता की बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर रामनगर कसबे में स्थित पांडवकालीन लोधेश्वर महादेवा मंदिर अपने आप में कई ऐतहासिक किवदंतियां समेटे हुए है सावन के महीने में प्रदेश भर से लाखों श्रद्धालु भी यहां आकर पवित्र शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और रुद्रभिशेक कराते हैं व अपनी मनोकामना पूर्ती का वरदान भोले शंकर महादेव से मांगते है ।
यहां पर मंदिर में दर्शन से पहले श्रद्धालु अभ्यारण तालाब पर जाकर स्नान करते हैं और उसके बाद अपने इष्टदेव भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं ।
महादेवा मंदिर के मठ पुजारी आदित्य महाराज के अनुसार सावन का शिवभक्तो के लिए बड़ा महत्त्व है इस दिन भगवान शिव हर शिवलिंग में विराजते हैं इस दिन बेलपत्र धतूरा और शमी की लकड़ी से भगवान का पूजन किया जाता है ।आज सावन के पहले सोमवार के चलते दूर दराज़ और प्रदेश भर से हजारों श्रद्धालुओं का सुबह पांच बजे से ही यहां जनसैलाब उमड़ पड़ा
और सारा मंदिर क्षेत्र बम भोले और जय भोलेनाथ की ध्वनि से गुंजायमान हो उठा । पवित्र शिवलिंग के दर्शन करने की मानों होड़ सी लगी थी । किसी भी अव्यवस्था से निपटने के पुलिस और जिला प्रशासन के अलधिकारिओं ने व्यापक प्रबंध कर रखे हैं ।