-ग्वालटोली क्षेत्र में मुहर्रम के मौके पर देर रात आग के मातम का आयोजन किया गया हजारों शिया समुदाय के लोगों ने इमाम हुसैन को याद करते हुए देहकते शोलो के ऊपर चलकर मातम मनाया इस मातम के आयोजन में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल रहे दुनिया में त्योहारों का अपना ही महत्व होता है
परंतु अन्य धर्मों के बहुत से त्योहार खुशियों का इजहार करते हैं वहीं कुछ ऐसे भी त्यौहार है जो हमें सच्चाई और मानवता के लिए दी गई शहादत की याद दिलाते हैं ऐसे ही एक त्यौहार है मोहर्रम जो पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है
ग्वालटोली शहर के लोगों ने इमाम हुसैन के कत्ल की शहादत में देर रात को मातम का आयोजन किया शहर की शिया समुदाय के लोगो ने शहादत को याद करते हुए अंगारों पर चलकर मातम मनाया
ग्वालटोली क्षेत्र में मुहर्रम के मौके पर देर रात आग के मातम का आयोजन किया गया हजारों शिया समुदाय के लोगों ने इमाम हुसैन को याद करते हुए शोलो के ऊपर चल कर मातम मनाया इस मातम में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल रहे
वही शिया समुदाय के संगठन ‘या हुसैन हम ना हुए ; के नारे लगाते हुए आग भरे अंगारों पर चल पड़े इस अवसर पर मुख्य चीज या देखने को मिली कि सभी शिया समुदाय के लोग अंगारों से गुजरने के लिए काफी बेताब और जोश से भरे दिखाई दिए
वही कि हमारे इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत में हम मातम मनाते हैं जिसको देखने के लिए सड़कों की संख्या में लोग पहुंचते हैं हम लोग आग के अंगारों में चलकर मातम मनाते हैं ।
ब्यूरो रिपोट -कामर आलम
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