बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में अब एकेडमिक कैलेंडर लागू होगा। इसके तहत सभी विभागों के प्रवेश और परीक्षाएं एक साथ होंगी। कुलपति प्रो. केपी सिंह के आदेश पर प्रवेश सेल में शिक्षा संकायाध्यक्ष की अध्यक्षता में गुरुवार को समिति की बैठक हुई। जल्द ही एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय परिसर में छह संकायों में अलग-अलग विभाग हैं। इनमें बीटेक, एमबीए, एलएलएम, एमए और एमएससी, बीफार्मा, बीएचएम समेत कई पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती हैं। इनमें डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। अभी सभी विभागों के प्रवेश अलग-अलग समय तक होते हैं और इसके अलावा सभी की परीक्षाएं भी अलग-अलग समय पर होती हैं। इसकी वजह से कुछ विभागों की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा गर्मी से पहले हो जाती हैं तो कुछ गर्मी में होती हैं। इसकी वजह से विद्यार्थी छात्रावासों में भी रहते हैं।
इस वर्ष भी कुछ विभागों की परीक्षाएं हो गई थीं तो कुछ का कार्यक्रम ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद रखा गया था। इसकी वजह से भीषण गर्मी में छात्रों को परीक्षा के दौरान दिक्कत हुई थी। छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने भी गर्मी में परेशानी की वजह से विरोध किया था। इस समस्या के समाधान के लिए कुलपति प्रो. केपी सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में शैक्षिक कैलेंडर लागू करने का निर्देश दिया था। इसके तहत शिक्षा संकायाध्यक्ष प्रो. एसके पांडेय की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई। इस समिति के सचिव डॉ. अतुल कटियार, प्रो. यतेंद्र कुमार, प्रो. भोला खान, डॉ. सौरभ वर्मा, डॉ. विजय सिन्हाल, डॉ. प्रतिभा और डॉ. अमित सिंह हैं। गुरुवार को समिति की प्रवेश सेल में हुई बैठक में सभी सदस्यों से राय ली गई कि किस समय तक प्रवेश पूरे होने चाहिए और कब तक परीक्षाएं होनी चाहिए। इसके तहत 15 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी कराने की राय सदस्यों ने दी है। इसके बाद नियमों के तहत 90 दिन की पढ़ाई के बाद सेमेस्टर परीक्षाएं कराने पर सहमति बनी। ऐसे में एक सेमेस्टर दिसंबर तक और दूसरा सेमेस्टर 15 मई तक पूरा कर लिया जाएगा।
सभी विभागों की मिड टर्म यानी इंटरनल और एंड टर्म और एक्सटर्नल की परीक्षाएं भी एक साथ ही होंगी। विश्वविद्यालय एक साथ ही सभी का परीक्षा कार्यक्रम जारी करेगा। एक साथ परीक्षा होने पर सभी विद्यार्थियों की छुट्टियां भी एक साथ हो जाएंगी। बैठक के बाद अब जल्द ही पूरा कैलेंडर तैयार किया जाएगा और संभव है कि इसे एक सप्ताह या 10 दिन में कुलपति की अनुमति के बाद जारी कर दिया जाएगा।