लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को पंचायती राज विभाग व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर मिलने पहुंचे थे। ओमप्रकाश राजभर को सुभासपा विधायक बेदी राम के वीडियो पर उठे विवाद के मामले में तलब किया गया था। दरअसल, सुभासपा विधायक बेदी राम के वीडियो पर उठा विवाद अभी शांत नहीं पड़ा था कि पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के एक भाषण का वीडियो भी सामने आ जाने से मामला और गरमा गया है। ओपी राजभर इस वीडियो में कह रहे हैं, किसी विभाग में नौकरी चाहिए तो फॉर्म भरने के बाद कॉल लेटर आ जाए तो कॉल कर लेना। निश्चित है, जुगाड़ तो बना ही देंगे। यह भी कह रहे हैं कि, बेदी राम नौकरी दिलाने में माहिर हैं। आप लेने की तैयारी करो, कोई दिक्कत नहीं है।
वहीं, राजभर ने नौकरी के जुगाड़ वाले खुद के बयान और पार्टी विधायक बेदी राम की जॉब सेटिंग स्टिंग से जुड़े सवालों पर चुप्पी साध ली है। वायरल वीडियो को लेकर जब मीडिया ने गुरुवार को उनसे सवाल किए तो उन्होंने बस इतना कहा – आप उनसे (बेदीराम) से क्यों नहीं पूछते, उनसे पूछिए। विधायक बेदी राम पेपर लीक के कई मामलों में आरोपी हैं और पहले गिरफ्तार भी हो चुके हैं। उन पर कई राज्यों में तमाम मामले दर्ज बताए जाते हैं जो रेलवे भर्ती, पुलिस भर्ती और एमपी लोक सेवा आयोग की भर्ती से जुड़े हैं। इस बीच 2014 में एसटीएफ से उन पर दर्ज हुए एक केस का प्रेसनोट भी वायरल हो रहा है।
हालांकि अमृत विचार बेदी राम या राजभर के वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। लेकिन अभी तक दोनों वीडियो पर कोई खंडन या स्पष्टीकरण नहीं आया है। बेदी राम का स्टिंग वीडियो कांग्रेस ने जारी किया जबकि राजभर का वीडियो एक सार्वजनिक कार्यक्रम का है। जिसमें वह बेदी राम को लेकर नौकरी दिलाने के दावे कर रहे हैं। हालांकि राजभर ने पहले भी अपने एक विवादित बयान वाले वीडियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए डीपफेक करार दिया था।