उच्चतम न्यायालय ने नीट-यूजी, 2024 में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के अनुरोध वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र एवं राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने सीबीआई और बिहार सरकार से भी दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। पीठ हितेन सिंह कश्यप द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि अन्य लंबित याचिकाओं के साथ जनहित याचिका पर आठ जुलाई को सुनवाई की जाएगी, जब सर्वोच्च अदालत गर्मी की छुट्टियों के बाद बैठेगी। केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय को बताया था कि उसने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए कृपांक (ग्रेस मार्क्स) रद्द कर दिए हैं।
केंद्र ने कहा था कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या कृपांक को छोड़ने का विकल्प होगा। यह परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर हुई थी और इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। परिणाम 14 जून को घोषित किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले पूरा हो जाने के कारण 4 जून को नतीजे घोषित कर दिए गए। बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और प्रतिष्ठित परीक्षा में कई अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और सात उच्च न्यायालयों एवं सर्वोच्च न्यायालय में मामले दायर किए गए। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक’ (नीट-यूजी) देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल शिक्षा से जुड़े संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है।