कौन हो सकते हैं प्रत्याशी
नई सरकार के गठन को लेकर जहां देश की राजनीति केन्द्र की ओर केंद्रित है। प्रत्येक का ध्यान राजधानी दिल्ली की ओर है। मुज़फ्फरनगर से सपा व बिजनोर से रालोद कार्यकर्ता जीत का जश्न मनाने में मशगूल हैं।वहीँ जिले की मीराँपुर विधानसभा के लिये भी बिसात बिछने लगी है। विधायक चन्दन चौहान के बिजनोर लोकसभा से चुनाव जीतने के बाद अब मीरांपुर विधानसभा खाली हो गयी है। चन्दन चौहान का लोकसभा के लिये टिकट होते ही जहां मीराँपुर विधानसभा के लिये भी अंदरुनी चर्चायें शुरू हो गयी थी। वहीं चन्दन चौहान के सांसद बनते ही मीराँपुर सीट को लेकर अनेक नेताओं के नाम चर्चाओं में आने लगे हैं।
रालोद व भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी चन्दन चौहान ने बिजनोर से लोकसभा चुनाव जीता है।इस गठबंधन का यह प्रयोग दूसरी बार सफल हुआ है। चन्दन चौहान के पिता स्वर्गीय संजय चौहान इसी बिजनोर लोकसभा से 2009 में सांसद निर्वाचित हुए थे। स्वर्गीय नारायण सिंह के पौत्र व स्व.संजय चौहान के पुत्र चन्दन सिंह चौहान दो वर्ष पूर्व मीराँपुर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए थे। सपा,रालोद गठबंधन के प्रत्याशी रहे चन्दन चौहान ने 107421 मत प्राप्त कर सजातीय भाजपा के प्रशान्त चौधरी को 27380 मतों के बड़े अंतर से हराया था। भाजपा के प्रशांत चौधरी को 800041मत प्राप्त हुए थे।व बसपा के सालिम कुरैशी को 23997 मत प्राप्त हुए थे। व काँग्रेस प्रत्याशी मौलाना जमील अहमद 1258 पर सिमट गये थे। चन्दन चौहान की जीत में उस समय मुस्लिम,जाट,गुर्जर वोट प्रभावी माना गया था।
*वहीँ लोकसभा चुनाव में चन्दन चौहान अपनी विधायकी सीट से पिछड़ गये हैं।27 हजार की बड़ी जीत का अंतर 9 हजार में सिमट गया है।लोकसभा में मीराँपुर विधानसभा से चन्दन चौहान को 72320 मत प्राप्त हुए हैं। सपा के दीपक सैनी को 63251 मत मिले हैं।
बसपा के बिजेन्द्र सिंह को 55 हजार के लगभग मत प्राप्त हुए हैं।*
लोकसभा में प्रत्याशियों को मिले मतों व विधानसभा चुनाव के इतिहास को लेकर समीकरण बनने लगे हैं। मीराँपुर पर कुछ माह बाद होने वाले उपचुनाव को लेकर अभी से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
*जीत से उत्साहित रालोद पार्टी के कई नाम चर्चाओं में हैं। जिनमे चन्दन चौहान की पत्नी यशिका चौहान ने भी हाल के दोनों चुनाव में विधानसभा की गली गली को छाना है। विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव की जीत का ज़ायका परिवार के मुँह लग जाए
तो कोई आश्चर्य न होगा।इसके अलावा जिलाध्यक्ष सन्दीप मलिक,अजीत राठी,रमा नागर,डॉ.अमित ठाकरान आदि कई नाम लोगो की ज़ुबान पर हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी में कादिर राणा,हाजी लियाकत कुरैशी, श्यामलाल बच्ची सैनी,अजय कुमार भोकरहेड़ी आदि नाम की चर्चा जारी है।काँगेस से डॉ.हाशिम रज़ा जैदी, विनोद गुर्जर आदि के नामो की चर्चा क्षेत्र में शुरू हो गयी है।
वहीँ नगीना से जीत दर्ज करने वाले चन्द्रशेखर रावण की आज़ाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता भी अवश्य ही खुद को साबित करने के मूड में होंगे ।ऐसे में जब बसपा उपचुनाव से किनारा करती है। तो आज़ाद समाज पार्टी के लिये खुद को साबित करने का मौका होगा।
वहीं मुज़फ्फरनगर में मिली हार व कल क्या होगा के चिंतन में डूबे भाजपा के कार्यकर्ता शायद अभी इस बारे में ज़्यादा गम्भीर भले न हों। किन्तु समय के बाद मीराँपुर विधानसभा को लेकर वहाँ भी बिसात बिछ जाये तो आश्चर्य न होगा*