लखनऊ: अभी जून और जुलाई बाकी है मई के महीने में 48 डिग्री + पारा की गर्मी का मार झेल रहा आम जन।
ट्रांसफार्मर जवाब दे रहे हैं केवल फाल्ट हो रहे हैं कूलर पंखा गर्म हवा दे रहे हैं लोगों के शरीर पर गर्मी के कारण दाने उभर रहे हैं आम जन जीवन अस्त-व्यस्त है गर्मी के चलते लोगों का दिमाग की संतुलन भी ठीक से काम नहीं कर रहा। जिसके चलते दुर्घटना होने का योग बनता हुआ नजर आ रहा है पर अभी भी लोक पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे।
यह यही नतीजा है जो लकड़ी माफिया वह भू माफिया हरे भरे पेड़ों को काट रहे हैं नदियों को तालाबों को पाटने का काम कर रहे हैं।धरती मां को खोदकर गहरी बेसमेंट के साथ अवैध निर्माण करवा रहे हैं मील फैक्ट्रियां खोली जा रही है जनसंख्या निरंतर बढ़ता जा रहा है।
यदि आने वाले समय में इन सब चीजों पर रोक नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में इसका खामियांजा लोगों को अपनी जान की कीमत लगाकर चुकानी पड़ेगी।
नदियों की साफ सफाई नहीं की गई पेड़ पौधों को नहीं बचाया गया जमीन की खुदाई करना बंद नहीं हुआ अवैध निर्माणों पर रोक नहीं लगा तो आने वाले समय में इससे भी अधिक गर्मी का असर देखने को मिलेगा और लोगों के शरीर से लपटे निकलेंगे।
कूलर पंखा अपने आप जलने लगेंगे एसी गैस सिलेंडर ब्लास्ट होगा। और लोग तड़प तड़प कर मरने पर मजबूर होंगे अभी लोगों ने करोना जैसे महामारी का असल रूप देखा है लेकिन लोग फिर भी सुधारने का नाम नहीं ले रहे।
हरे भरे पेड़ों को काट रहे हैं नदिया सूखती जा रही हैं गंदगी और कूड़े के वजह से।
जमीन पर 10 मंजिला 18 मंजिला तथा 15- 20 फीट गहरा बेसमेंट तैयार किया जा रहा है फैक्ट्रियां लगाई जा रही है जिनके कचरे को व गंदे पानी को नालों के रास्ते स्वच्छ नदियों में गिराया जा रहा है।
इन सब चीजों पर भारत सरकार को ध्यान देने की जरूरत है अन्यथा इसका परिणाम भुगतना ना होगा और इसका शिकार सबसे पहले गरीब मजदूर कमजोर वर्ग के लोग होंगे।
आओ हम सब मिलकर पौधे को लगे नदियों को स्वच्छ रखें और अपने क्षेत्र में जमीन खोदकर अवैध निर्माण करने वालों के प्रति आवाज़ उठाएं पेड़ काटने वाले को नदी को पाटने वालों को सबक सिखाएं।