उत्तर प्रदेश के बिजनौर में कोर्ट परिसर के अंदर बदला लेने के लिए गोलियों से भून कर की गई थी शाहनवाज नाम के लड़के की दिनदहाड़े हत्या आरोपी सुमित को हुई उम्र कैद की सजा दो आरोपियों के नाबालिक होने पर उनकी सुनवाई पर हाईकोर्ट का स्टे लगा हुआ है ।यह मामला 5 साल पुराना है जहां वर्ष 2019 17 दिसंबर को बिजनौर से सीजेएम कोर्ट में दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर नजीबाबाद के रहने वाले शाहनवाज नाम के लड़के की शामली के रहने वाले सुमित और उसके साथी साहिल और अकराज ने हत्या कर दी थी। कोर्ट परिसर के अंदर दिनदहाड़े हुए इस गोली कांड से पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ था बिजनौर अपर सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद्र शुक्ला ने इस हत्या कांड में शामली निवासी सुमित को दोषी करार मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई जब के साहिल और अकराज के नाबालिक होने पर उनकी सुनवाई पर कोर्ट का स्टे लगा हुआ है। मालूम हो कि दिल्ली पुलिस 17 दिसंबर 2019 को एहसान हत्याकांड में शाहनवाज और जब्बार को बिजनौर कोर्ट परिसर लेकर पहुंचे थे तभी कोर्ट परिसर में पुलिस की कस्टडी में खड़े शाहनवाज को सुमित द्वारा गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी मृतक शाहनवाज के 12 गोलियां लगी थी जब के एक गोली एक सिपाही के मुंह के नीचे वाले हिस्से में लगी थी वहीं मौके का लाभ उठाकर जब्बार फरार हो गया था दिनदहाड़े हुई कोर्ट परिसर के अंदर गोली कांड से पूरे बिजनौर में हड़कंप मच गया था।
आज पुलिस की कड़ी सुरक्षा में सुमित को कोर्ट लाया गया जहां पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद्र शुक्ल द्वारा सुमित को दोषी करार मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई अब दोषी सुमित को बाकी की जिंदगी जेल में ही काटनी पड़ेगी बिजनौर के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में हुए इस हत्याकांड करने वाले दोषियों को उम्र कैद की सजा की मांग की थी।
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