बरेली : दूसरे राजनीतिक दलों और उनकी चुनावी रणनीति को तहस-नहस करने में माहिर माने जानी वाली भाजपा के ही साथ इस चुनाव में खेल हो गया। बरेली और आंवला दोनों संसदीय क्षेत्रों में कई नेताओं और पदाधिकारियों पर चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाकर विरोधी प्रत्याशियों की मदद करने का शक है। भितरघात करने वाले इन लोगों की अब लिस्ट बनाई जा रही है जिसे हाईकमान को भेजा जाना है। कहा जा रहा है कि 4 जून को नतीजे आने के साथ ही इन नेताओं पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी । बरेली और आंवला में तीसरे चरण के चुनाव में 7 मई को मतदान हो चुका है। चुनाव के शुरुआती दौर में भाजपा का आत्मविश्वास इस कदर बढ़ा हुआ था कि आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट तक काट दिया गया। लेकिन जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ा, पार्टी में अंदरूनी हलचल तेज होती गई। कहीं जातिगत तो कहीं प्रत्याशी की छवि के आधार पर अंदरखाने विरोध शुरू हुआ और इस हद तक पहुंचा कि विपक्ष की रणनीति को ध्वस्त करने पर फोकस करने के बजाय पार्टी अंदरूनी हालात ही संभालती रह गई। चुनाव के बीच पार्टी के अंदर चल रही इस हलचल पर चुप्पी साधे रखी गई ताकि जनता में नकारात्मक संदेश न जाए लेकिन अब भितरघात की कहानियां छन-छनकर बाहर आने लगी हैं और इसके साथ पूरे घटनाक्रम की जानकारी हाईकमान को देने की भी तैयारी शुरू हो गई है।
पार्टी में ऐसे नेताओं और पदाधिकारियों की संख्या अच्छी-खासी बताई जा रही है जिन्होंने इस चुनाव में दिखावा करने में तो कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन असल में पार्टी प्रत्याशियों के साथ कोई सहयोग नहीं किया। उल्टे कई मौकों पर उन्हें नुकसान पहुंचाने की काेशिश कीं। चुनाव के बीच ही इस तरह की खबरें संगठन के उच्च स्तर तक पहुंचती रहीं। प्रत्याशियों की ओर से भी ऐसे कुछ लोगों को चिह्नित किया गया लेकिन चुनाव के बीच संगठन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई। अब चुनाव हो चुका है और 4 जून को नतीजे आने हैं, लिहाजा ऐसे लोगों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है। भाजपा संगठन के एक पदाधिकारी ने अनाधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि करते हुए चुनाव के दौरान भितरघात होने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पार्टी के कुछ लोग साथ रहकर भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे। कई लोगों के नाम भी मिल चुके हैं, उनकी गतिविधियों का भी ब्योरा तैयार हो रहा है। अब छानबीन की जा रही है कि उनकी इन गतिविधियों का क्या मकसद था। पूरा ब्योरा तैयार होने के बाद हाईकमान को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। उम्मीद है कि 4 जून को चुनाव के नतीजे आने के बाद हाईकमान कार्रवाई शुरू कर देगा।
कई बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं भितरघात करने वालों की सूची में
भितरघात की खबरें बरेली की तुलना में आंवला में कहीं ज्यादा हैं। पार्टी के एक नेता के मुताबिक आंवला लोकसभा क्षेत्र में कई बड़े चेहरों के बारे में अंदरखाने पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने की शिकायतें मिली हैं। अब छानबीन कर इन नेताओं के खिलाफ शिकायतों की असलियत का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि आंवला में ही जातिगत आधार पर पार्टी प्रत्याशी का खुला विरोध हुआ था।चुनाव के बीच भाजपा प्रत्याशी की ओर से पप्पू-बब्बू पर की गई टिप्पणी भी काफी चर्चा में रही थी। हालांकि इसके बाद उन्होंने एक वीडियो जारी कर इस पर खेद भी जताया था। लेकिन इसके बावजूद नया घटनाक्रम बता रहा है कि बिगड़ी बात समय रहते बन नहीं पाई।
दूसरी पार्टियों के तमाम नेता तोड़े अंदरूनी हालात नहीं भांप सके
चुनाव की शुरुआत होते ही भाजपा नेताओं ने पूरा जोर दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़कर भाजपा में लाने के लिए जान लड़ा दी। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद चुनाव के अंतिम दौर पर इस सिलसिले ने इस कदर जोर पकड़ा कि हर रोज तमाम विपक्षी नेताओं को भाजपा में शामिल कराए जाने की सूचनाएं आती रहीं। सबसे ज्यादा जोर सपा के नेताओं को तोड़कर भाजपा में शामिल करने पर रहा। सपा के कई ब्लॉक प्रमुख और पदाधिकारी भाजपा में शामिल हो गए। इसी बीच पार्टी में अंदरूनी हालात बिगड़ते रहे लेकिन भाजपा नेताओं का उस पर ध्यान नहीं दिया।