नाबालिग साली से दुष्कर्म के मामले में जीजाओं को कोर्ट ने 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है।
पीड़िता की बहन ने सात साल पहले काकादेव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
कानपुर में नाबालिग साली से दुष्कर्म करने वाले दो जीजाओं को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सुरेंद्र पाल सिंह ने दस-दस साल कैद और 22-22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की कुल रकम से 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेंगे।
वहीं, सबूतों के अभाव में कोर्ट ने आरोपी दोनों सौतेली बहनों को बरी कर दिया है।विजयनगर निवासी महिला ने पांच मार्च 2017 को काकादेव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
आरोप लगाया कि उसकी 14 वर्षीय सगी बहन को फर्रुखाबाद के बीबीगंज निवासी सर्वेश कुमार यादव छह नवंबर 2016 को घुमाने ले गए और नशीली चाय पिलाकर कई दिनों तक दुष्कर्म किया।
सर्वेश की पत्नी व उसकी सौतेली बहन भी इस काम में शामिल रही। किशोरी की तबीयत बिगड़ने पर सर्वेश उसे लेकर कल्याणपुर निवासी दूसरे जीजा मोहित यादव के घर पहुंचे और यहां शराब के नशे में दोनों ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर सर्वेश, मोहित और मोहित की पत्नी किशोरी को लाकर आठ फरवरी 2017 को विजयनगर स्थित घर छोड़ गए।
वीडियो क्लिप बनाकर उसे डराया-धमकाया व जानमाल की धमकी भी दी।
उर्सला में जांच कराने पर किशोरी के गर्भवती होने की बात सामने आई तो किशोरी की सगी बहन ने दोनों सौतेली बहनों व उनके पतियों के खिलाफ काकादेव थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी।
विशेष लोक अभियोजक चंद्रकांत शर्मा व पीड़िता के अधिवक्ता करीम अहमद सिद्दीकी ने बताया कि अभियोजन की ओर से पीड़िता व उसकी बहन समेत 11 गवाह कोर्ट में पेश किए गए।
सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने दोनों जीजाओं सर्वेश व मोहित को दुष्कर्म व धमकाने का दोषी मानकर सजा सुनाई जबकि दोनों की पत्नियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
सजा पर सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक चंद्रकांत शर्मा ने कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की।
कहा कि समाज, समय और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अभियुक्तों को दंडित करें ताकि समाज में महिलाएं व बच्चियां सुरक्षा, शांति व सुकून से मानवीय मूल्यों के साथ जीवन जी सकें।