बरेली : अगर आपके बच्चे की उम्र एक से तीन साल है और उसे अंधेरे से डर लगता है, तेज आवाज पर चौंक जाता है। सामान्य बच्चे की तरह उसका व्यवहार नहीं है तो हो सकता है वह ऑटिज्म से ग्रसित हो। जिला अस्पताल स्थित मन कक्ष में बीते दो वर्षों की तुलना में ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों की संख्या 30 फीसदी बढ़ गई है। पहले जहां हर महीने 10 से 15 बच्चे ऑटिज्म ग्रसित आ रहे थे, अब इनकी संख्या 40 से 50 हो गई है।
मोबाइल का साथ दे रहा मानसिक विकार
मन कक्ष के प्रभारी डॉ. आशीष के अनुसार बच्चा एक साल का होने पर परिजन उसे मोबाइल फोन पर कार्टून, गाने समेत अन्य मनोरंजन की वीडियो देखने की आदत डाल देते हैं, इससे भी बच्चे की मनोदशा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसलिए बच्चों को यह आदत न डालें।
हर बच्चे में दिखते हैं अलग-अलग लक्षण
डॉ. आशीष के अनुसार ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों में एक जैसे लक्षण नहीं होते हैं। उनका स्वभाव या व्यवहार रोग की स्थिति पर निर्भर करता है। जैसे अगर बच्चा ऑटिज्म के ऑटिस्टिक डिसऑर्डर से पीड़ित है तो वह कभी-कभी अपने व्यवहार से अलग दिख सकता है, लेकिन किसी खास विषय पर उसकी गहरी रुचि हो सकती है।
इन लक्षणों पर रखें नजर
परिजनों को बच्चों के एक ही शब्द को बार-बार बोलना या बड़बड़ाना, बड़े होने पर भी हाथ, पंजे के बल चलना, गलत काम को मना करने पर उग्र व्यवहार करना, खुद को चोट पहुंचाना, एकांत में घंटों बैठकर अकेले बातें करना आदि लक्षणों पर नजर रखें। ऐसे लक्षण दिखने पर चिकित्सक से सलाह लें।