देवरिया तहसील सभागार में मंगलवार को संपूर्ण समाधान दिवस ने जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने तहसीलदार के गैर विभागीय अर्दली को थाने भेज दिया। उन्होंने मौके पर ही उसके शरीर से अर्दली का लिबास उतरवा दिया।
एक व्यक्ति ने खारिज दाखिल के लिए अर्दली पर दस हजार रुपये लेने का आरोप लगाया तो पूछताछ में अर्दली फर्जी निकला। इसके बाद जिलाधिकारी नाराज हो गए और अधिकारी निरुत्तर हो गए।
समाधान दिवस में तहसीलदार अरुण यादव ने बताया कि अर्दली राजेश विभागीय कर्मचारी नहीं है। वह संविदा पर भी तैनात नहीं है। बरहज के पटेल नगर निवासी रामायण ने रिश्वत का आरोप लगाया। इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर फर्जी अर्दली राजेश को थाने में भेज दिया गया। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है।
देर शाम तक इस मामले में उसके खिलाफ किसी ने तहरीर नहीं दी है।
जिलाधिकारी ने तहसीलदार अरुण कुमार के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि देने का आदेश दिया। तहसील परिसर में गैर विभागीय व्यक्ति को अर्दली के रूप में कार्य करने पर एसडीएम अवधेश निगम और तहसीलदार से स्पष्टीकरण मांगा है। तहसील परिसर में यह कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई।
क्योंकि अर्दली से लिबास उतरवाने के बाद उसे बरहज थाने में भेजा गया।