साहब, कई दिनों से मीटर रिचार्ज के लिए उपकेंद्र के चक्कर लगा रहे हैं। मीटर रिचार्ज नहीं हो रहा है। बिटिया के पेपर होने वाले हैं। कर्मचारी कभी सर्वर डाउन की बात करते हैं या फिर अन्य तकनीकी कारण बताते हैं। तो कभी एक काउंटर से दूसरे काउंटर टहलाते हैं। इसके कारण मीटर रिचार्ज नहीं हो पा रहा है।
मीटर रिचार्ज की समस्या को लेकर उपभोक्ता उपकेंद्रों पर चक्कर लगाकर थक गए हैं। वह कर्मचारियों की मनमानी व टालमटोल के रवैये की शिकायत के साथ अपनी समस्या अधिकारियों के सामने रख रहे हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है। यह कहना है उन उपभोक्ताओं का जो अपने घरों में लगे प्रीपेड मीटर को रीचार्ज कराने के लिए उपकेंद्रों पर भटक रहे हैं।
लेसा अधिकारियों के अनुसार उपभोक्ताओं की इस समस्या को गंभीरता से लिया गया है। इसे दूर करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। ताकि सर्वर डाउन और अन्य तकनीकी खामियों के बाद भी उनके मीटर को रीचार्ज किया जा सके। राजधानी में तकरीबन 50 हजार उपभोक्ता इस समस्या से जूझ रहे हैं।
प्रीपेड, स्मार्ट मीटरों को रीचार्ज कराने के लिए उपभोक्ताओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कभी सर्वर डाउन रहता है तो कभी तकनीकी खामी आ जा रही है। इसके कारण उपभोक्ताओं का प्रीपेड मीटर रीचार्ज नहीं हो पा रहा है। बीकेटी, सरोजनीनगर, चौक, गोमती नगर विस्तार, नादरगंज, यहियागंज सहित कई क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को उपकेंद्र पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
अहिबरनपुर उपकेंद्र पर मीटर रीचार्ज कराने आए सुनीत ने बताया कि विभाग ने घर में प्रीपेड मीटर तो लगा दिए। लेकिन उनको रीचार्ज के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की है। यहां आए दिन तो सर्वर ही डाउन रहता है।
हम लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। बच्चों के पेपर होने वाले हैं, उनकी पढ़ाई कैसे हो, इससे बिजली अधिकारियों को क्या मतलब।
कर्मचारी दूसरे उपकेंद्र पर रीचार्ज की बात कहकर निकल जाते हैं। सरोजनी नगर के रामकृपाल सिंह ने कहा कि जब भी मीटर रीचार्ज के लिए आते हैं तो कोई न कोई समस्या यहां बनी रहती है।
सुबह से कर्मचारी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन लंच टाइम भी नहीं हुआ है और रीचार्ज के लिए कर्मचारी ही नहीं मौजूद हैं। सिर्फ इंतजार कर सकता हूं।
मीटर रीचार्ज के लिए उपभोक्ताओं को ज्यादा इंतजार न करना पडे, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है। सर्वर डाउन से लेकर तकनीकी खामी होने के बाद भी जल्द ही मीटर को रीचार्ज किया जा सकेगा। इसके लिए हर उपकेंद्र पर जरूरी उपाय किए जा रहे हैं..,सुनील कपूर, मुख्य अभियंता ट्रांसगोमती।