कर्ज में डूबे मध्य प्रदेश में निगम ठेकेदारों को पेमेंट नहीं मिल पा रहा है। पेमेंट अटकने के कारण दो महीने में दो बड़े ठेकदारों ने आत्महत्या कर ली।
इंदौर के बाद अब जबलपुर से नगर निगम ठेकेदार का आत्महत्या का मामला सामने आया है। यहां 70 लाख रुपए का बिल क्लियर नहीं होने से परेशान एक ठेकेदार ने स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
घटना गुरुवार सुबह गोहलपुर थाना इलाके के बधाइयां मोहल्ले की है। 56 वर्षीय भगवान सिंह ठाकुर ने अपनी 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर सुबह 10.30 बजे सुसाइड किया। पुलिस और FSL टीम ने घटनास्थल की जांच की है। मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। ठाकुर नगर निगम के अलावा रेलवे में भी ठेकेदारी का काम करते थे।
मृतक के बेटे हर्ष सिंह ठाकुर ने बताया कि मई 2023 से नगर निगम में किए गए कामों की ऐवज में लाखों रुपए का पेमेंट अटका है। 60 से 70 लाख रुपए फंसे हैं। निगम के अकाउंट ऑफिसर पापा का बिल पास नहीं कर रहे थे। इसे लेकर वे कई बार नगर निगम के बड़े अधिकारियों से भी मिले, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ।
हर्ष के मुताबिक, बड़ी बहन की शादी 18 फरवरी को तय है। ऐसे में पिता पैसों के इंतजाम को लेकर परेशान थे। कई दिन से अफसरों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन बिल पास नहीं हो रहा था। इसी बात से परेशान होकर उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया। मामले पर महापौर जगत बहादुर अन्नू ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बता दें कि पिछले महीने ही इंदौर शहर के चर्चित ठेकेदार अमरजीत सिंह पप्पू भाटिया ने आत्महत्या कर ली थी। पप्पू भाटिया इंदौर नगर निगम के सभी विभागों के कार्यों का टेंडर लेकर उन्हें समय सीमा में पूरा करते थे।
इंदौर नगर निगम के लिए सबसे ज्यादा काम करने वाले पप्पू भाटिया का भुगतान अटका हुआ था और वह मार्केट से करोड़ों रुपए ब्याज पर लोन ले चुके थे। उन्होंने भी सिस्टम से हताश होकर यह आत्मघाती कदम उठाया था।