आइसीआइसीआइ बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर लगभग चार करोड़ 32 लाख रुपये की ठगी के मामले में क्राइम ब्रांच ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में बैंक प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने चार बैंक कर्मचारी, तीन सुनार और दस ग्राहकों सहित कुल 17 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस बाकी फरार आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मुताबिक आइसीआइसीआइ बैंक की क्षेत्रीय प्रमुख कंचन राजदेव और क्षेत्रीय प्रबंधक भानु उमरे ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की थी। शिकायत में बताया गया कि बैंक की कोलार रोड स्थित शाखा का आकस्मिक निरीक्षण और आडिट में धोखाधड़ी का पता चला।
देखा गया कि बैंक के अधिकारी और कर्मचारी तथा स्वर्ण का मूल्यांकन करने वाले अधिकृत सुनार की मिलीभगत से संदिग्ध ग्राहकों ने बैंक में नकली सोना गिरवी रखा और करीब चार करोड़ 32 लाख रुपए की चपत बैंक को लगाई है।
क्राइम ब्रांच ने शिकायत जांच की तो पता चला कि बैंक के चार अधिकारी और कर्मचारियों ने तीन सुनारों के साथ मिलकर 10 ग्राहकों के कुल 36 खातों में नकली सोना गिरवी रखकर चार करोड़ 32 लाख से ज्यादा का नुकसान बैंक को पहुंचाया गया है। इनमें से 22 खाते ऐसे निकले जिनमें नकली सोना गिरवी रखा गया था, जबकि 14 खातों में तो सोना गिरवी रखे बिना ही गोल्ड लोन स्वीकृत कर दिया गया था।
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में चार बैंक अधिकारियों, तीन सुनार (सोने की गुणवत्ता के परीक्षक) एवं 10 संदिग्ध ग्राहकों के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
इस मामले में सुनार राकेश सोनी निवासी हनुमानगंज और जगदीश कुमार सोनी निवासी बजरिया के साथ ही दो ग्राहकों शोभित कुमार जैन निवासी छतरपुर और अरुण शर्मा निवासी होशंगाबाद रोड भोपाल को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगाई गई हैं।