राजधानी में पुलिस की कार्यशैली से जुड़े कुछ मामले अक्सर सामने आते रहते हैं, जो उसकी फजीयत भी कराते हैं। ऐसा ही एक मामला मलिहाबाद कोतवाली क्षेत्र से सामने आया, जहां पुलिस ने थाने में जमा गाड़ी का चालान काट दिया। हुआ यूं कि पॉक्सो एक्ट के एक मामले में नामजद आरोपी को पुलिस ने बीती 30 दिसंबर को कार सहित गिरफ्तार किया था।
कार को एमवी एक्ट के तहत जब्त करते हुए थाने में खड़ा कर दिया गया। वाहन तब से अब तक थाने में ही खड़ा है, लेकिन पुलिस कार्रवाई के ठीक पांच दिन बाद थाने में खड़ी कार का ऑनलाइन चालान कर दिया गया। मामला जब वाहन स्वामी तक पहुंचा तो वह दंग रह गया।
गौरतलब है कि बीती 30 दिसम्बर को मलिहाबाद कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले पीड़ित पिता ने काकोरी थानाक्षेत्र अन्तर्गत मौंदा गांव निवासी अरुण कुमार के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की एफआईआर दर्ज कराई थी। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि गत 29 दिसंबर की दोपहर पुत्री (15) शौच के लिए घर से बाहर जा रही थी।
इसी बीच आरोपी ने पुत्री को गलत नियत से पकड़ लिया। फिर नशीला पदार्थ सुंघाकर उसे ऑल्टो कार से अगवा कर दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर बेता नाला के समीप हााफिजखेड़ा गांव से उसे कार सहित गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद पुलिस ने कार को एमवी एक्ट के तहत जब्त करते हुए कोतवाली में खड़ा कर दिया और आरोपी को जेल भेज दिया। तब से अब तक कार मलिहाबाद कोतवाली में ही खड़ी है, लेकिन पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के ठीक 5वें दिन (4 जनवरी को) कोतवाली में खड़ी कार का ऑनलाइन चालान कर दिया। आरोपी वाहन स्वामी का रिश्तेदार बताया जा रहा है।
मामला जब वाहन स्वामी तक पहुंचा तो उसके परिजन दंग रह गए। इसके बाद वाहन स्वामी भैया लाल चालान की कार्रवाई से जुड़ा कागज लेकर जब कोतवाली पहुंचे तो कोतवाली प्रभारी, वाहन स्वामी के सवालों से बचते दिखे। पीड़ित वाहन स्वामी ने बताया कि जिस वक्त गाड़ी का 5 हजार रुपये का चालान किया गया। उस समय कार थाने में खड़ी थी।
यही नहीं, चालान पत्र में भी कार कोतवाली के अंदर खड़ी दिखाई पड़ रही है। अब सवाल यह उठता है कि जब कार कोतवाली में खड़ी है तो उसका ई-चालान कैसे हो सकता है। पुलिस के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। जिम्मेदार जवाबदेही से बच रहे हैं।
आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। चालान संबंधी जानकारी नहीं है। मामले की निष्पक्षता से जांच की जाएगी।