साल की पहली जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा आहूत की गई। इसके साथ ही राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान (आईडीए) को लेकर जिला समन्वय समिति की भी बैठक आहूत की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने बाल स्वास्थ्य, मातृ स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य, आयुष्मान भारत योजना, सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। नियमित टीकाकरण में प्रगति के लिए जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण सारणी चस्पा की जाए और इसके साथ ही टीकाकरण सत्र के आयोजन से पहले आयोजन का स्थान और समय की जानकारी भी चस्पा की जाए।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा MOIC वार टीकाकरण के सेशन की समीक्षा की गई। परंतु किसी भी MOIC द्वारा सभी जानकारी उपलब्ध कराई जा सकी जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी MOIC को शो कॉस जारी करने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा मातृ शिशु ट्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से लाभार्थियों को टीका लगवाने के समय और स्थान की जानकारी के लिए संदेश भेजे जाएं । जिलाधिकारी ने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए । उक्त के बाद बैठक में जननी सुरक्षा योजना की भी समीक्षा की गई।
समीक्षा में पाया गया की उक्त योजना के तहत लाभार्थियों और आशा कार्यकर्ताओं का भुगतान कुछ संस्थानों में समय से नही हो रहा है जिसके लिए कड़े निर्देश दिए गए की लाभार्थियों और आशा कार्यकर्ताओं का भुगतान ससमय कराना सुनिश्चित किया जाए। उक्त के साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि निजी अस्पतालों के साथ बैठक कर बिजली संबंधी और अग्नि संबंधी सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत संविदा के आधार पर एमबीबीएस चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए 17 जनवरी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में वॉक –इन- इंटरव्यू का आयोजन होगा | जिसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया जा चुका है |
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की भी गहन समीक्षा की गई।
बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि आईडीए अभियान के तहत फाइलेरियारोधी दवा एल्बेंडाजोल, डाईइथाइल कार्बामजीन और आइवर्मेक्टिन खिलाई जायेगी ।
दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को यह दवा खिलायी जायेगी । जिसके संबंध में जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि शत प्रतिशत लक्षित जनसंख्या को दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाए।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बी.एन.यादव, प्रजनन बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डा. आर एन सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए. के. सिंघल, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गोपीलाल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए.पी.सिंह, डा. के.डी. मिश्रा, डा. संदीप सिंह, डा. निशांत निर्वाण।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, जिला क्षय उन्मूलन कार्यक्रम और जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम, पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर वर्मा, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, यूपीटीएसयू एवं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर) के प्रतिनिधि मौजूद रहे ।