Aligarh News:- भूमाफियाओं के खिलाफ पीड़ित को डीएम के सामने आवाज उठाना उस वक्त महंगा पड़ गया। जब भूमाफियाओं का सताया पीड़ित डीएम के सामने कब्जा दिलाए जाने को लेकर आवाज बुलंद करने के लिए पहुंचा था। जहां डीएम ने भू माफिया के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले पीड़ित को फटकार कर भगाया इतने पर भी जब डीएम का मन नहीं भरा तो पीडि़त फरियादी को जेल भेजने का खौफ दिखा डरा धमका कर अपने कार्यालय से दुत्कार कर भगा दिया। डीएम द्वारा भू माफियाओं के खिलाफ फरियाद लेकर पहुंचे पीड़ित को फटकार कर भगाए जाने की सूचना से भ्रष्टाचार विरोधी सेना के आक्रोशित लोग मौके पर पहुंचे। और फरियादी को भगाने पर डीएम के खिलाफ थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए। पुलिस को तहरीर दी।इसके साथ ही भ्रष्टाचार विरोधी सेना ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा। कि अगर उनकी शिकायत पर डीएम के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई। तो भ्रष्टाचार विरोधी सेना के लोग सड़कों पर उतरकर डीएम के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने ओर प्रदेश के बुलडोजर बाबा योगी आदित्यनाथ के भू माफियाओं के ठोको नीति के सपनों को अलीगढ़ के जिलाधिकारी के द्वारा पलीता लगाए जाने का काम किया है। भूमिया के खिलाफ जिलाधिकारी के पास फरियाद लेकर पहुंचे पीड़ित को न्याय न दिलवाने के बजाय भू माफिया की तरफदारी करते हुए। पीड़ित को कार्यालय से भगा दिया। अलीगढ़ जिला अधिकारी द्वारा पीड़ित को कार्यालय से भगाए जाने पर कोतवाली सिविल लाइन क्षेत्र के कपिल विहार कॉलोनी निवासी अश्वनी कुमार पुत्र रमेश चंद्र भ्रष्टाचार विरोधी सेवा के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर थाने पहुंचा। और कार्यालय से भगाए जाने पर जिला अधिकारी के खिलाफ पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए। लिखित शिकायत दी गई। जिला अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अश्विनी कुमार के द्वारा डीएम पर आरोप लगाया गया है। कि उसके द्वारा 2018 में उसके द्वारा जमालपुर माफी निवासी मोहम्मद रहीस पुत्र शेर मोहम्मद के खाता संख्या-0125 के गाटा संख्या 527क में से 500 वर्गगज जमीन को क्रय करते हुए। बैनामा कराया था।
बैनामा कराए जाने के बाद उसके द्वारा उसे जमीन की बाउंड्री वॉल भी कर दी थी। आरोप की उसके द्वारा खरीदी गई। उक्त जमीन पर मंजूरगढ़ी निवासी दबंग दो भू माफियो ने अपने साथियों के साथ मिलकर दबंगई के दम पर जमीन पर कब्जा करते हुए। टीनशेड डालकर एक कमरे का निर्माण करते हुए। जबरन कब्जा कर लिया। भूमाफियाओं के द्वारा उसके प्लॉट पर जबरन कब्जा किए जाने पर वह थाने पहुंचा। और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए। पुलिस को तहरीर दी।
पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए। उसकी जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ शांति भंग में कार्रवाई की। तो वहीं भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायत उसके द्वारा जिला अधिकारी को भी दी थी। जिलाधिकारी ने इसकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए। उसकी जमीन पर कब्जा करने वाले भू माफिया के खिलाफ राजस्व टीम को मौके पर भेजा था। मौके पर पहुंचे तहसीलदार,नायब तहसीलदार, लेखपाल कानूनगो के द्वारा मौके का निरीक्षण करते हुए। की रिपोर्ट डीएम को प्रेषित की गई थी। लेकिन मौके पर पहुंची। राजस्व टीम के द्वारा भूमाफियाओं द्वारा उसके प्लॉट पर किए गए। कब्जे को लेकर की गई। कार्रवाई पूर्ण किए जाने के बाद भी कब्जा मुक्त नहीं कराया था।
आरोप है। कि भूमाफियाओं के कब्जे से राजस्व टीम के द्वारा उसके उक्त प्लाट पर कब्जा नहीं दिलाए जाने के चलते। पीड़ित अश्वनी कुमार शुक्रवार की सुबह कलेक्ट्रेट पर फरियाद लेकर जिलाधिकारी के दरबार में पहुंचा था। ओर भूमाफियाओं द्वारा उसके प्लॉट पर किए गए। कब्जे को कब्जा मुक्त करते हुए। कब्जा दिलाए जाने की मांग की थी। पीड़ित का कहना है। कि डीएम से कब्जा दिलाए जाने की मांग करने की यही बात डीएम को नागवार गुजर गई और इसके बाद डीएम द्वारा पीडत को डरा धमका कर अपने कार्यालय से भगा दिया।
जिससे पीड़ित को अपनी बेज्जती महसूस हुई। और डीएम के इस रवैया को देख उसको बड़ा आघात पहुंचा। डीएम के दरबार में भू माफिया के खिलाफ फरियाद लेकर पहुंचे। पीड़ित के साथ दुर्व्यवहार की सूचना उसके द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी सेना के लोगों को दी। डीएम द्वारा पीड़ित को भगाए जाने की सूचना पर भ्रष्टाचार विरोधी सेना के लोग मौके पर पहुंच गए। ओर बुलडोजर बाबा के राज में बुलंद हौसले के साथ डीएम की कुर्सी पर विराजमान पीड़ित को भगाए जाने वाले पीसीएस से प्रमोशन पाकर डीएम के खिलाफ आक्रोशित लोग पीड़ित के साथ मिलकर थाने पहुंचे। और डीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए। पुलिस को लिखित तहरीर दी।
इसके साथ ही पीड़ित को भगाए जाने वाले डीएम की शिकायत गृहमंत्री राज्यपाल और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायती पत्र भेज कर की गई है। वही डीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए दी गई। तहरीर के बाद भ्रष्टाचार विरोधी सेवा के आक्रोशित लोगों ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है। कि अगर उनकी शिकायत पर डीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। तो आक्रोशित लोग सड़कों पर उतरकर डीएम के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे।