सुल्तानपुर जिले में सरकारी जमीन (नजूल) कब्जाने की होड़ लगी है। चर्चित प्रकरण सिविल लाइन स्थित बस स्टेशन के सामने पूर्ववर्ती गांधी आश्रम भवन को ढहाकर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण का है। सिविल कोर्ट, एसडीएम व पुलिस सीओ सिटी सबको संज्ञान होने के बावजूद दस माह से खुलेआम निर्माण धड़ल्ले से चलता रहा।
अफसर महज कागज पर आदेश-निर्देश करते रह गए। आखिरकार एक सामाजिक कार्यकर्ता के जरिये जब मामला अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल के संज्ञान में आया और उन्होंने जरिये डीएम एसडीएम सीपी पाठक से रिपोर्ट तलब की। तब जाकर प्रशासन होश में आया। सोमवार को लेखपाल की तहरीर पर अफसरों को झांसा देकर सरकारी भूखंड पर मानचित्र स्वीकृत करा निर्माण कर रही अनीता गुप्ता के खिलाफ शहर कोतवाल श्रीराम पांडेय ने केस दर्ज कर लिया है।
प्रकरण इस प्रकार से है। बस स्टेशन के सामने स्थित पूर्ववर्ती गांधी आश्रम बिल्डिंग नजूल भूखंड में स्थित है। उसे कुछ भूमाफियाओं के सहयोग से कब्जा करने के बाद पड़ोसी दुकानदार प्रमोद गुप्ता ने अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त कर ली। यहीं नहीं कर्मचारियों की मिलीभगत से नजूल भूखंड पर नए निर्माण का नक्शा भी पास करा लिया। जबकि पीडब्ल्यूडी ने भी अवैध बताकर इस पर आपत्ति की थी।
मामले को सामाजिक कार्यकर्ता रवींद्र प्रताप सिंह ने उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाया और सिविल सूट भी दायर किया। बावजूद अफसर भौतिक रूप से प्रभावी कदम उठाने के बजाय महज कागजी कार्रवाई करते रहे। इधर बिल्डर शहबान ने पुरानी बिल्डिंग गिराकर नया निर्माण शुरू करा दिया। सुलतानपुर प्रशासन के अफसरों की उपेक्षा से आज़िज़ आकर सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता ने अयोध्या कमिश्नर गौरव दयाल से गुहार की।
उन्होंने प्रकरण गम्भीरता से लेते हुए एसडीएम सदर से तत्काल प्रभावी एक्शन लेकर डीएम सुल्तानपुर कृतिका ज्योत्स्ना के जरिये रिपोर्ट तलब कर ली। इसपर हड़बड़ाए एसडीएम सीपी पाठक के निर्देश पर लेखपाल मनोज पाठक ने शहर कोतवाल को तहरीर दी जिसपर उन्होंने अतिक्रमणकर्ता पर एफआईआर दर्ज करने आदेश दिये।