मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है और नए मंत्रियों ने आज शपथ भी ले ली है। इस बार मंत्रिमंडल में कई दिग्गजों का पत्ता कट गया।
वहीं, सिंधिया समर्थक तीन पूर्व मंत्रियों को भी कैबिनेट में जगह नहीं। सिंधिया के कट्टर समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर खुशनसीब रहे जो एक बार फिर उन्हें मंत्री बनाया गया है।
मंत्री पद की शपथ लेने से पूर्व प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर सिंधिया के चरणों में पड़े दिखे। दरअसल, तोमर को जब पता चला कि तमाम दिग्गजों का पत्ता कटने के बावजूद उन्हें मंत्री बनाया जाएगा तो वे खुशी से पागल हो गए। वे शपथग्रहण के पहले सिंधिया को रिसीव करने स्टेट हैंगर पहुंचे। यहां सबके सामने उन्होंने सिंधिया के चरण में अपना सिर रखा।
सिंधिया के पांव में सिर रखे तोमर की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। लोग पूछ रहे हैं कि लोकतंत्र में ऐसी क्या मजबूरी है जो किसी मंत्री को सिंधिया के चरणों में पैर रखने को मजबूर करता है।
बहरहाल, ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह की हरकतें की हो। वे कई बाद सार्वजनिक मंचों से सिंधिया के चरणों में सिर रख चुके हैं। शायद यही कारण है कि पांच साल के अंतराल में उन्होंने तीसरी बार मंत्री पद की शपथ ली है।
विधायक प्रधुम्न सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार माने जाते हैं और वे उन 22 कांग्रेस विधायकों में से हैं जिन्होंने 2020 सिंधिया के साथ पाला बदला था। इसके बाद शिवराज सरकार में उन्हें ऊर्जा मंत्री बनाया गया।
2023 में जब मोहन यादव सीएम बने तो उन्हें एक बार फिर मंत्री पद दिया गया है। हालांकि, सिंधिया के साथ पाला बदलने वालों में प्रभुराम चौधरी, बृजेंद्र सिंह यादव और हरदीप सिंह डंग इस बार मंत्रिमंडल में जगह बनाने में नाकामयाब रहे हैं। पिछली सरकार में सिंधिया के साथ पाला बदलने वाले 10 से ज्यादा विधायक कैबिनेट में शामिल थे। हालांकि, इस बार यह संख्या चार पर आकर रुक गया है।