हमीरपुर। जीएसटी जमा करने में तमाम कारोबारी पीछे हैं। पिछले पांच साल बाद भी करीब दो हजार व्यापारियों ने जीएसटी जमा करने की जहमत नहीं उठाई। ऐसे व्यापारियों को नोटिस जारी की है, जिससे बुधवार को व्यापारियों में हड़कंप मचा है।
जानकारी के मुताबिक जिले में पांच हजार व्यापारी जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में पंजीयन कराए हैं। जिनका 40 लाख रुपये से अधिक वार्षिक टर्नओवर होता है। ऐसे सभी व्यापारियों को जीएसटी में पंजीयन कराना अनिवार्य होता है। जीएसटी अधिनियम वर्ष 2017-18 में शुरुआत हुई थी, इसके पहले बैट लगता था। बैट का नाम बदलकर जीएसटी कर दिया गया है। शासन ने ऐसे व्यापारियों को चिन्हित किया है जो 2017-18 से अभी तक जीएसटी जमा नहीं करने में पीछे हैं।
अब जीएसटी का पंजीयन व टैक्स ऑनलाइन जमा होता है। जिन व्यापारियों ने तब से अभी तक टैक्स नहीं जमा किया है। उन्हें ऑनलाइन नोटिस भी जारी की गई है। जब इस सत्र का जीएसटी जमा हो जाएगा। तब तक अगले वित्तीय वर्ष की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद संबंधित व्यापारियों को नोटिस जारी की जाएगी। शासन से जारी नोटिसों को राज्य कर विभाग ने जिले के व्यापारियों को ऑनलाइन नोटिस भेजी है ताकि व्यापारी इस मामले में अपना पक्ष रख सकें।
राज्य कर विभाग के उपायुक्त (डीसी) कृष्ण प्रकाश ने बताया कि जो नोटिस जारी की गई हैं। उसमें कुछ व्यापारियों पर जीएसटी की मामूली धनराशि बकाया है। जो व्यापारी महानगरों के बड़े व्यापारी से जितना माल खरीदते हैं और उसी माल में ग्राहक को देकर माल की बिक्री करते हैं। उसी के अनुसार उसे जीएसटी जमा करनी होती है यदि जीएसटी नहीं जमा करता तो ऑनलाइन शासन के संज्ञान में आ जाता है। उसी आधार पर व्यापारी को नोटिस जारी की जाती है। उनका मानना है कि जिले में छोटे व्यापारियों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसलिए जीएसटी पंजीकृत व्यापारी भी बहुत कम है।