तहसील सदर में तैनात संग्रह अमीन रामजी शरण को विद्युत बकाये की जारी आरसी के एवज में पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम ने पकड़वाकर जेल भेजा था।
राजस्व संग्रह अमीन संघ के चुनाव की रंजिश में रामजी शरण को पकड़वाने का मामला भी गूंजा था। मामले में इतनी राजनीति हुई कि यह प्रकरण बरेली से लेकर लखनऊ तक गूंजा। टकराव इतना बढ़ गया था कि तहसील सदर में रामजी शरण के प्रकरण की जांच करने गई भ्रष्टाचार निवारण की टीम और संग्रह अमीनों के बीच मारपीट तक हुई थी।
इस प्रकरण में राजस्व संग्रह अमीन संघ के पदाधिकारियों की लिखित शिकायत पर कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने जांच बैठाई। शिकायती पत्र के आरोपों की बिंदुवार जांच कराकर आख्या मांगी गई थी। इसमें कमिश्नर के निर्देश पर अपर आयुक्त प्रशासन अरुण कुमार ने 30 अक्टूबर को जिलाधिकारी के लिए पत्र लिखा। उस पत्र में उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह संघ के पदाधिकारियों ने 25 अक्टूबर को कमिश्नर से मिलकर शिकायती पत्र सौंपा था।
शिकायती पत्र में लिखे बिंदुओं की बिंदुवार जांच कराकर सात दिन में कार्यालय को उपलब्ध कराने का आग्रह कियाथा ताकि वस्तुस्थिति से कमिश्नर को अवगत करा सकें, लेकिन अपर आयुक्त के इस पत्र पर एक माह तक कोई जांच नहीं हुई। इस प्रकरण में 1 दिसंबर को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संतोष बहादुर सिंह ने जांच करने के लिए एसडीएम सदर को पत्र जारी किया है। जिसमें एसडीएम सदर को शिकायती पत्र के आरोपों की जांच कर तीन दिन में आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
चार अक्टूबर को भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम ने पकड़ा था
चारअक्टूबर को भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई के बरेली के निरीक्षक इश्त्याक वारसी के नेतृत्व में टीम ने अमीन संग्रह रामजी शरण को ट्रैप करते हुए पांच हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। 5 अक्टूबर को टीम ने रामजी शरण को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
इस प्रकरण में राजस्व अमीन संग्रह संघ के हरिओम दीक्षित मंडल मंत्री, सूर्य प्रकाश पटेल मंडल अध्यक्ष आदि पदाधिकारी कमिश्नर से मिले और चुनावी रंजिश में मनोज कुमार संग्रह अमीन पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम से मिलकर संग्रह अमीन रामजी शरण को पकड़वाने का आरोप लगाया था। इसके बाद एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें संग्रह अमीन को फंसाने का खुलासा हुआ था।