बेंगलुरू। ‘बैजबॉल’ ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड की बल्लेबाजी के आयाम को बदल दिया है और टीम के न्यूजीलैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम को स्पष्ट हैं कि भारत के खिलाफ पांच टेस्ट की श्रृंखला का नतीजा भले ही कुछ भी हो लेकिन उनकी टीम अपनी आक्रामक रणनीति पर बरकरार रहेगी।
इंग्लैंड को अगले साल 25 जनवरी से हैदराबाद, विशाखापत्तनम, राजकोट, रांची और धर्मशाला में भारत के खिलाफ पांच टेस्ट की श्रृंखला खेलनी है और श्रृंखला के दौरान स्पिन की अनुकूल पिचें मिलने की उम्मीद है। ‘बैजबॉल’ शब्द मैकुलम के उपनाम ‘बैज’ और उनकी आक्रामक रणनीति के आधार पर गढ़ा गया है। इस शब्द को ‘कोलिन्स शब्दकोश’ में भी जगह मिली है। बैजबॉल का अर्थ है कि टेस्ट क्रिकेट में खेलने की वह शैली जिसमें बल्लेबाजी टीम बेहद आक्रामक अंदाज में खेलकर अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास करती है।
मैकुलम ने ‘रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर इनावेशन लैब्स लीडर्स मीट इंडिया’ में कहा, भारत में होने वाले पांच टेस्ट में हमें बेहद अच्छी भारतीय टीम के खिलाफ कड़ी चुनौती मिलेगी। उन्होंने कहा, मैं इसे लेकर रोमांचित हूं क्योंकि आप सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ खुद को परखना चाहते हैं और मेरा मानना है कि अपनी परिस्थितियों में भारत सर्वश्रेष्ठ है। यह हमारे लिए अच्छी चुनौती होगी। अगर हमें सफलता मिलती है तो यह शानदार होगा, अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर मुझे पता है कि हम उस शैली के आधार खेलते हुए हारेंगे जिसके अनुसार हम खेलना चाहते हैं। मैकुलम ने इस दौरान ‘बैजबॉल’ की जरूरत पर भी अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा, हम खेल रहे हैं क्योंकि हम क्रिकेट से प्यार करते हैं और हम जितना संभव हो सके क्रिकेट में उतना अच्छा बनने की कोशिश करना चाहते हैं। आप सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप इसका आनंद लें और ऐसा करने के लिए आपको अपने करियर के अंत तक इंतजार नहीं करना चाहिए। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें तत्काल कुछ सफलता मिली है लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह हमारे लिए कोई सीमा है। मैकुलम ने पहले ही आईपीएल मैच में 73 गेंदों पर 158 रन की अपनी बेखौफ और नाबाद पारी को भी याद किया। उन्होंने इसे बैजबॉल के लिए प्रेरणा बताया।