सब्जियों पर महंगाई से त्रस्त लोगों के लिए दालों से भी राहत की उम्मीद खत्म होती जा रही है। दिसंबर की शुरुआत के बावजूद जाड़ों की प्रमुख सब्जियों के दाम नीचे आने को तैयार नहीं हैं, उधर दालों के भाव भी बार-बार लंबी छलांग लगा रहे हैं। पिछले 15 दिनों में ही अरहर की दाल पर 50 रुपये तक बढ़ गए हैं। सौ के आसपास रहने वाला काबुली चना दो सौ पार कर गया है। उड़द-मूंग जैसी दूसरी दालों का भाव भी 15 से 20 रुपये तक बढ़ गया है।
दालों में सबसे ज्यादा महंगाई की मार पिछले कुछ दिनों में काबुली चना और अरहर की दाल पर पड़ी है। करीब 20 दिन पहले तक अरहर की दाल का भाव 90 से 120 रुपये किलो तक था, वह अब 140 से 190 रुपये तक पहुंच गया है। काबुली चना डालर 150 रुपये किलो था, लेकिन अब दो सौ रुपये मिल रहा है। उड़द, मूंग, मसूर और चने की दाल के भावों में भी 10 से 20 रुपये तक का उछाल आया है।
दाल मंडी के ताजा भाव: अरहर 140 से 190, काबुली चना डालर 160 से 200, उड़द काली 100 से 130, उड़द धुली 140 से 160, मूंग छिलका 100 से 130, मूंग धुली 120 से 150, चना दाल 80 से 90, मसूर साबुत 85 से सौ।
पहली बार ऐसा.. नई फसल आने के बाद भी नीचे नहीं आए भाव: दाल कारोबारी हेमंत कुमार के मुताबिक दालों पर लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। उम्मीद थी कि नई फसल आने के बाद भाव गिरेगा लेकिन पहली बार ऐसा है कि भाव नहीं गिरे। हो सकता है कि इस महीने के आखिर में कुछ राहत मिले। कारोबारी कैलाश का कहना है कि सभी दालों पर तेजी आई है लेकिन अरहर की दाल और काबुली चना डालर के भाव हैरतअंगेज ढंग से बढ़े हैं।
इन दिनों खाद्य पदार्थ की कीमतों में काफी तेजी है। आम आदमी की आय नहीं बढ़ रही, लेकिन खानपान को वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही है। सरकार को बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए।- संगीता देवी, गृहिणी
आटा, चावल, मसालों के दाम पहले ही बढ़े चल रहे हैं। इन दिनों बाजार में खाद्य पदार्थ की कीमतों में काफी तेजी से बढ़ती महंगाई ने मध्यम वर्ग को चिंता में डाल दिया है। महंगाई के चलते रसोई का बजट बढ़ गया है। मीनाक्षी कपूर, गृहिणी
सर्दी में भी मौसमी सब्जियां गर्म: टमाटर का फुटकर भाव अब भी 60 रुपये है। इसके अलावा पालक, मेथी, मटर, गाजर जैसी सब्जियों के भाव भी नीचे नहीं आए हैं। पिछले सालों में मध्य नवंबर में इन सब्जियों के भाव 10 से 20 रुपये के बीच की सीमा में आ जाते थे। प्याज अब भी 60 से 70 रुपये बिक रहा है। नया आलू 25 है।
मसाले चढ़े तो नीचे नहीं उतरे: मसालों में आई तेजी को वक्ती बताया जा रहा था लेकिन उनके भावों में भी ज्यादा फर्क नहीं आया। जीरा साढ़े आठ सौ रुपये तक पहुंचा था और अब भी छह सौ से सात सौ के बीच है। इसके अलावा दूसरे मसालों पर भी बढ़ी महंगाई अब तक जस की तस है।
आटे पर भी बढ़ गए पांच रुपये: पिछले एक महीने में आटे पर भी महंगाई बढ़ी है। महीना भर पहले चक्कियों पर खुला आटा 30 रुपये किलो बिक रहा था लेकिन अब 35 रुपये हो गया है। इसके अलावा फलों का स्वाद भी आम लोगों के लिए महंगाई ने कड़वा कर दिया है। कोई भी मौसमी फल 50 रुपये से नीचे नहीं है।