किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर प्रत्यारोपण विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ. अरुण मनोहरन को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। डॉ. अरुण मनोहरन को यह पुरस्कार 25 नवंबर को हैदरबाद में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के वार्षिक कॉन्फ्रेंस में दिया गया है।
दरअसल, डॉ. अरुण मनोहरन ने गॉलब्लैडर में होने वाले कैंसर के मैकेनिज्म पर एक शोध किया है। जिसकी जानकारी उन्होंने हैदरबाद में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के वार्षिक कॉन्फ्रेंस में आये डॉक्टरों के साथ साझा की। उनके इस शोध पत्र को रिसर्च कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार उन्हें इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की तरफ से दिया गया है। कॉन्फ्रेंस का आयोजन एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की तरफ से किया गया था।
डॉ. अरुण मनोहरन ने अमृत विचार के साथ हुई बातचीत में बताया है कि यह शोध गॉलब्लैडर कैंसर से जूझ रहे करीब 80 मरीजों पर किया गया है। उनका शोध पत्र इंडियन जनरल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित हो चुका है, लेकिन गॉलब्लैडर कैंसर पर अभी और अधिक शोध की जरूरत है।
केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर प्रत्यारोपण विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अभिजीत चंद्रा ने बताया कि डॉ. अरुण मनोहरन के शोध से गॉलब्लैडर में होने वाले कैंसर के कारणों में से एक कारण की जानकारी मिली है। जिससे गॉलब्लैडर कैंसर से जूझ मरीजों के इलाज में न सिर्फ आसानी होगी बल्कि कैंसर की रोकथाम भी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि गॉलब्लैडर में कोली सिस्टो काइनिन नाम का प्रोटीन (रिसेप्टर) होता है। यह प्रोटीन दो प्रकार के ए और बी होते हैं। इनमें गड़बड़ी होने पर गॉलब्लैडर कैंसर होता है। इस बात की जानकारी इस रिसर्च के बाद ही पता चल सकी है।