गुजरात में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली ने कहर बरपा रखा है। रविवार सुबह से हो रही बारिश के कारण प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। राज्य में बेमौसम बरसात के दौरान आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में 20 लोगों की मौत हुई है। साथ ही 40 मवेशियों की भी मौत हुई है।
अधिकारियों ने सोमवार को वज्रपात से हुई मौतों का आंकड़ा जारी किया है। गुजरात के दाहोद में सबसे ज्यादा चार लोगों की जान गई। वहीं भरूच में तीन, तापी में दो और अहमदाबाद, अमरेली, बनासकांठा, बोताड, खेड़ा, मेहसाणा, पंचमहल, सबरकांठा, सूरत, सुरेंद्रनगर, देवभूमि द्वारका में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
बारिश का सर्वाधिक असर गुजरात के अमरेली, सुरेन्द्रनगर, मेहसाणा, बोटाड, पंचमहल, खेड़ा, सबरकांठा, सूरत और अहमदाबाद ज़िलों में पड़ा है। इन ज़िलों में भारी बारिश के साथ 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज़ हवाएं भी चली हैं। वहीं मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात के इलाक़ों में मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की है और 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाओं के साथ बारिश का अलर्ट जारी की है।
महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में बेमौसम बारिश के साथ कई इलाकों में ओले भी गिरे। इससे किसानों को फसलों का भारी नुक़सान हुआ है। नासिक के निफाड, लासलगांव, मनमाड और चंदवाड इलाक़ों में बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ बारिश हुई। जिससे किसानों को अंगूर और प्याज़ की खेती में भारी नुक़सान की आशंका है।
फसलों के नुकसान के अलावा सौराष्ट्र के मोरबी जिले में सेरेमिक उद्योग को भी काफी नुकसान हुआ है, क्योंकि यहां तेज बारिश की वजह से फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया।
उधर, नासिक के गंगापुर बांध से जायकवाड़ी में पानी छोड़े जाने से गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इस वजह से नदी के किनारे पर्यटकों के वाहन पानी में फंस गए। दूसरी तरफ बेमौसम बारिश के चलते शहर के कई इलाक़ों में बाढ़ का ख़तरा पैदा हो गया है।