जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों पर 36 हजार से अधिक बच्चों को हॉट कुक मील मिलना शुरू होगा. आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को खाद्यान के स्थान पर पका हुआ भोजन मिलने से उनकी सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा.
कारोना लॉकडाउन से पहले सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में पका हुआ भोजन मिलता था. लॉकडाउन के दौरान केंद्रों में रसाई आदि बंद होने के बाद से बच्चों को घरों पर दलिया, दाल जैसे खाद्यान घरों पर ही पहुंचाए जाने लगे. लॉकडाउन समाप्त होने के बाद केंद्र तो खुल गए लेकिन बच्चों को खाद्यान ही वितरित होता रहा. इस दौरान बच्चो के परिजन लगातार आंगनवाड़ी केंद्र के प्रभारियों से खाद्यान के स्थान पर पका हुआ भोजन दिए जाने की मांग करते रहे हैं.
बच्चों की सेहत और उनके परिजनों की मांग के आधार पर कार्रवाई करते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों पर फिर से पका हुआ भोजन वितरित करने का निणर्य लिया है. नवंबर माह के अंत तक केंद्रों मिड डे मील की तर्ज पर हॉट कुक मील के नाम से पका हुआ भोजन मिलेगा. हॉट कुल मील का लाभ जिले के 36 हजार से अधिक बच्चों को होगा. योजना के आधिकारिक स्तर पर तैयारियां चल रही है. प्रशासन के फैसले पर बच्चों के परिजनों ने अपनी खुशी प्रकट की है.
मिड डे मील के साथ ही तैयार होगा हॉट कुक मील अधिकारियों के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाला हॉट कुक मील प्राथमिक विद्यालयों में वितरित होने वाले मिड डे मील के साथ तैयार होगा. इसके लिए मिड मिल तैयार कराने वाली रसोई के कर्मी, स्थानीय प्रधान व प्राथमिक विद्यालय के प्रधानचार्यों की जिम्मेदारी तय की गई है.
गौरतलब है कि पूर्व में बच्चों को खाना आंगनवाड़ी केंद्रों में ही तैयार होता था. लेकिन तीन वर्ष भोजन बनना बंद होने के कारण वर्तमान में आंगनवाड़ी के पास रसोइयों की व्यवस्था नहीं है. इसलिए खाना तैयार करने की जिम्मेदारी प्राथमिक विद्यालयों को दी गई है.
पके भोजन के स्थान पर खाद्यान वितरण की व्यवस्था में कई बार पारदर्शिता का अभाव देखने में मिलता है.आंगनवाड़ी केंद्रों पर आए दिन शिकायतें सामने आती थी कि कहीं बच्चों के परिजन से अधिक बार खाद्यान ले गए तो किसी बच्चे को बार भी नहीं मिला. पका भोजन मिलने से बच्चे साथ बैठकर भोजन कर सकेंगे और वितरण में होने वाली परेशानी से बचा जा सकेगा.
बच्चों को बेहतर पोषण देने के लिए हॉट कुक मील वितरण किया जाएगा. वितरण के संबंध में अधिकतर तैयारियां हो चुकी है.