महिला विरुद्ध अपराध के मामलों में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हुए हैं. पुलिस ने अधिकांश घटनाओं का खुलासा कर आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया, लेकिन दुष्कर्म, हत्या और अपहरण के कुछ ऐेसे मामले भी हैं, जो वर्षों बाद भी खुलासे की बाट जोह रहे हैं. इनमें रेप के बाद छह साल की बच्ची की हत्या तथा चार साल की बच्ची के अपहरण जैसी घटनाएं शामिल हैं.
रेप के बाद खेत में फेंकी बच्ची की शिनाख्त तक नहीं मार्च 03 को निवाड़ी थानाक्षेत्र में अबूपुर गांव के पास गंगनहर के किनारे खेत में छह साल की बच्ची का शव पड़ा मिला था. बच्ची के शरीर पर चोट के निशान थे और स्याही पोतकर चेहरा छिपाने का प्रयास भी किया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म का खुलासा हुआ था. सवा सवा सात महीने बाद पुलिस हत्यारों को पकड़ना तो दूर, बच्ची की शिनाख्त तक नहीं कर सकी है.
हत्या कर जलाई गई महिला की पहचान नहीं 9 जून को कविनगर औद्योगिक क्षेत्र में महिला की हत्या करने के बाद शिनाख्त मिटाने के लिए शव जला दिया गया. पुलिस बूथ के पास हुई घटना की सूचना से पुलिस में हड़कंप मच गया था.
मौके से पुलिस को थिनर की कैन मिली थी, जिससे अंदेशा जताया गया था कि पहचान छिपाने के लिए थिनर डालकर महिला को जलाया गया है.
सला साल बाद महिला की पहचान तक नहीं हो सकी है. अपहृत बच्ची का दो साल बाद भी सुराग नहीं
एक नवंबर को विजयनगर थानाक्षेत्र के अकबरपुर-बहरामपुर निवासी कपड़ा कारोबारी आबिद की चार वर्षीय बेटी आतिका घर के बाहर खेल रही थी. इसी दौरान उसे अगवा कर लिया गया. सीसीटीवी कैमरे खंगालने पर बुलेट सवार दो लोग एक बच्ची को ले जाते हुए दिखाई दिए थे.
पुलिस ने बुलेट का नंबर तस्दीक कर उसके मालिक से पूछताछ की तो वह घटना में शामिल नहीं मिले. उनके साथ मौजूद बच्ची उनके परिवार की ही थी. इसके बाद पुलिस ने 3 जून को संदिग्ध अपहर्ता का स्कैच जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद आतिका का दो साल बाद भी सुराग नहीं लक सका है.