नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पराली जलाने से राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले वायु प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्य सचिव और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव को नोटिस जारी किया है।
अधिकरण पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि को लेकर मीडिया में आई एक खबर पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद मामले पर सुनवाई कर रहा था।
खबर में कहा गया है कि सर्दी की शुरुआत में राज्य में पराली जलाना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण के ‘‘सबसे बड़े कारणों’’ में से एक है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) की एक रिपोर्ट का संज्ञान लिया, जिसमें खेतों में पराली जलाने की घटनाओं के लिए जाने जाने वाले जिलों के नाम और पराली जलाने की घटनाओं को लेकर तीन साल के तुलनात्मक आंकड़ों का विवरण दिया गया है।
पीठ ने शुक्रवार को कहा, “राज्य में पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए विभिन्न उपायों का प्रभावी कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है।”
पीठ ने कहा कि पीपीसीबी अधिकारियों सहित राज्य के अधिकारियों को संवेदनशील जिलों के भीतर सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने की जरूरत है, जहां उपचारात्मक उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, ‘‘जिस अवधि में पराली जलाई जाती है वह मुख्य रूप से 15 सितंबर से 30 नवंबर के बीच होती है। इसलिए, इस अवधि के दौरान, संबंधित अधिकारियों को उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करने और जुर्माना लगाने सहित उपचारात्मक कदम उठाने को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।”
पीठ ने पंजाब के मुख्य सचिव और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी करने के बाद मामले की सुनवाई आठ नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।