गाँधी जयन्ती पर देशभर से जहां अपने अपराध का पश्चाताप करने वाले अपराधियों को सजा की माफी दी जाती है वहीं प्रदेश सरकार द्वारा अब साल में चार बार कैदियों को जेल से रिहा किया जाता है
इंदौर सेंट्रल जेल से गांधी जयंती पर चार आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को रिहा किया गया जहां इससे पहले सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही कैदियों को रिहा किया जाता था
लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा अच्छे आचरण को देखते हुए अब गांधी जयंती और अंबेडकर जयंती पैर भी बंदियों की रिहाई की जा रही है वहीं आज 2 अक्टूबर को इंदौर केन्द्रीय जेल से चार बंदियों को रिहा किया गया
इंदौर केंद्रीय जेल की जेल अधीक्षका श्रीमति अलका सोनकर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि गांधी जी ने कहा था कि अपराध से घृणा करें अपराधियों से नहीं
उसी को देखते हुए जिन अपराधियों ने अपने जीवन में किए गए अपराध की सजा में अच्छा आचरण को चलते जेल में अपना लंबा जीवन काट लिया है
अब उन्हें गांधी जयंती पर जेल से रिहा कर उनके परिवार के पास भेजा जा रहा है रिहा हुवे सभी बंदियों को आजीवन कारावास की सजा थी और यह हत्या जैसे संगीन मामलों में जेल में बंद थे
वहीं अब उनके अच्छे आचरण के चलते उन्हें जेल से रिहा किया जा रहा है वहीं जेल अधीक्षक ने बंदियों द्वारा जेल में किए गए परिश्रम की राशि भी बंदियों को सौंपी गई,
जेल से अपनी सज़ा पूरी कर रिहा हुए बंदियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें अपने किए अपराध पर बहुत अफसोस हैं मामूली सी बात पर विवाद के कारण हमारे जीवन की कीमती पल हमने जेल में गुजार दिए