फतेहपुर। जिले में गुरुवार को बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के स्वयंसेवकों द्वारा खागा नगर के पक्का तालाब की आरती कर नदी तालाबों को उनके मौलिक रूप में संरक्षण का संकल्प लिया। स्वयंसेवकों ने मांग की है कि तालाबों में जाने वाले गंदे पानी को रोका जाय उन्हें ससुर खदेरी नदी में जाने वाले नालों से जोड़ा जाय।
बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि जल संरक्षण के लिए जलाशयों को बचाने के लिए शासन-प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले जिस गति से बढ़ रहे हैं, उससे तालाबों के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो गया है।
इन सब के बीच सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला शासनादेश बन गया। इसके तहत उत्तर प्रदेश में हजारों तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर जल संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार व शासन द्वारा पहल नहीं किया जा रहा है। जिससे तालाबों का भूमिगत जल स्रोतों के रूप में उपयोग नहीं हो पा रहा है। तालाब की ऐसी भूमि को आवासीय प्रयोजन हेतु आवंटन कर दिया गया था। इस मामले में 25 जुलाई 2001 को पारित हुए आदेश में कोर्ट ने कहा कि जंगल, तालाब, पोखर, पठार तथा पहाड आदि को समाज के लिए बहुमूल्य मानते हुए इनके अनुरक्षण को पर्यावरणीय संतुलन हेतु जरूरी बताया है। तालाबों के संरक्षण को ध्यान देकर तालाबों को उनके मूल रूप में ही बनाये रखना चाहिए। उनका विकास एवम् सुन्दरीकरण किया जाना चाहिए, जिससे जनता उसका उपयोग कर सके।