साइबर अपराधों को दिनों-दिन बढ़ता हुआ ग्राफ पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। जबतक पुलिस साइबर अपराधियों के एक हथकंडे का पता लगाती है, तब तक वे नये हथकंडे खोज लेते हैं।
ऐसे में पुलिस साइबर अपराधों का खुलासा तो कर रही है पर अपराधियों की धरपकड़ में नाकाम साबित हो रही है। जनवरी से मई (2023) के दौरान पांच माह में 1552 लोग साइबर अपराधों का शिकार हुए।
रोजाना 10 लोग होते हैं साइबर ठगी का शिकार
साइबर अपराध के हर दिन औसतन 45-50 छोटे-बड़े साइबर अपराध दर्ज होते हैं। वहीं इनमें से 10 से अधिक अपराध ऐसे होते हैं, जिनमें 50 हजार रुपये से अधिक की ठगी या सोशल मीडिया पर बदनाम के मामले होते हैं। हर महीने साइबर बैंक फ्रॉड के 20 से 25 मामले पंजीकृत होते हैं। वर्ष 2023 में फरवरी माह में सर्वाधिक 427 मामले पंजीकृत हुए हैं।
जिले में 400 से ज्यादा साइबर ठगी के मामले लंबित
साइबर सेल, हजरतगंज में वर्ष 2023 में मई माह तक पंजीकृत हुए 1552 मामलों में से 1275 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है। जनवरी से अप्रैल माह तक के सभी साइबर अपराध के मामलों का खुलासा हो चुका है। पर मई और जुलाई माह के 400 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं।
22 साइबर ठग जेल की सलाखों के पीछे
साइबर मामलों के खुलासे में तो लखनऊ साइबर पुलिस का आंकड़ा तेजी से सुधर रहा है, पर अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस नाकामयाब साबित हो रही है। जनवरी से लेकर मई 2023 तक साइबर पुलिस ने 1275 मामलों के खुलासे किये, पर सिर्फ 22 अपराधियों की गिरफ्तारी की जा सकी है।
ठगे गए 2.22 करोड़ रुपये हो चुके रिकवर
पुलिस साइबर बैंक फ्रॉड के मामलों के खुलासे में काफी बेहतर साबित हो रही है। इस वर्ष मई 2023 तक साइबर बैंक फ्रॉड के कुल 317 मामलों के खुलासे किये गये। वहीं ठगे गए 2 करोड़ 22 लाख 45 हजार 179 रुपये पीड़ितों के बैंक अकाउंट में लौटाये गये।