लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से मुसाफिर यात्रा पर नहीं निकल रहे हैं, जिसने रोडवेज की दैनिक आमदनी को प्रभावित कर दिया है।
दूसरी तरफ मानक के अनुसार पर्याप्त यात्री न मिलने के कारण बसें नहीं निकल पा रही हैं। जिससे जरूरतमंदों को लखनऊ व दिल्ली पहुंचना मुश्किल हो गया है। वहीं लोकल रूटों पर भी बसों का आवागमन प्रभावित हो चुका है।
पारा बढ़ने के साथ ही परिवहन सेवा बाधित हो गई है। कई लोकल रूट पर जहां समय से बसें नहीं उपलब्ध हो पाती हैं, वहीं लंबी दूरी पर जाने वाले यात्री घंटों बस का इंतजार करते दिखाई देते हैं। इस समय डुमरियागंज रूट पर बस की सुविधा बाधित हो गई है।
इस रूट पर कभी बस उपलब्ध होती है तो यात्री नहीं उपलब्ध होते हैं और जब यात्री जुटते हैं तो बस नहीं मिल पाती है। डुमरियागंज व इस रूट पर जाने वाले यात्री राम भुआल, कमल चौधरी, श्याम सिंह व चौधरी शेर सिंह आदि ने बताया कि हम लोग नियमित यात्रा करते हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।
इधर तकरीबन एक सप्ताह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कभी बस ही नहीं रहती तो कभी यात्रियों के अभाव में बस नहीं रवाना हो पाती। लिहाजा प्राइवेट टैक्सी के सहारे किश्तों में यात्रा पूरी करनी पड़ रही है।
वहीं, लंबी दूरी के लिए बढ़नी व सोनौली से दो बसें बस्ती होकर लखनऊ व दिल्ली तक सेवा देती थीं। इसके अलावा बस्ती से नियमित दो बसें इसी रूट पर रवाना होती थीं।
जबकि इस समय सिर्फ सोनौली व बढ़नी की बसें ही थोड़े बहुत यात्रियों को लेकर लंबे रूट पर निकल पा रही हैं। वहीं बस्ती की बसें यात्रियों के अभाव में प्रभावित हो रही हैं। जिसका नतीजा यह हो रहा है कि बस्ती डिपो रोजाना घाटे की तरफ बढ़ता जा रहा है।
तीन लाख रुपए घट गई रोजाना आय
पिछले दिनों की अपेक्षा जून के दूसरे सप्ताह में डिपो की आय में औसतन लगभग तीन लाख रुपए का रोजाना नुक़सान हो रहा है। पहले जहां 20 लाख औसत आय रोजाना थी, वहीं अब 17 लाख रुपए हो चुकी है। इसका प्रमुख कारण जहां डिपो के वर्कशॉप में कर्मचारियों की कमी बताई जा रही है।
भीषण गर्मी के चलते नहीं निकल रहे यात्री
डिपो के एआरएम आयुष भटनागर ने बताया कि लगातार बढ़ती गर्मी को देखते हुए सभी बसों को चाक चौबंद रखा गया है। प्रचंड गर्मी के कारण यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। डिपो में पर्याप्त बसें उपलब्ध हैं, सुबह व शाम को जैसे-जैसे यात्री जुटते हैं, उसी अनुसार बसों को रवाना किया जा रहा है।