महंगाई और कमजोर मांग से लगातार दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर सुस्त हुई है। अक्टूबर-दिसंबर 2022 यानी दिसंबर तिमाही में विकास दर 4.4 फीसदी रही। मंगलवार को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने इसके आंकड़े जारी कर दिए हैं।
इस माह की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इतनी ही वृद्धि दर का अनुमान जारी किया था। दिसंबर 2022 तिमाही के जीडीपी आंकड़े की तुलना उसके पिछली तिमाही जुलाई-सितंबर में हुई आर्थिक वृद्धि दर से करें तो अर्थव्यवस्था को झटका साफ दिख रहा है।
सितंबर 2022 तिमाही में जीडीपी 6.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी जो अप्रैल-जून 2022 तिमाही में 13.2 फीसदी की वृद्धि दर से कम थी। हालांकि जून 2022 तिमाही में जीडीपी की अधिक वृद्धि दर पिछले निम्न आधार के चलते दर्ज हुई थी। जून 2022 तिमाही की जीडीपी वृद्धि के आंकड़े को 13.5 फीसदी से संशोधित कर 13.2 फीसदी किया गया है।
आरबीआई से ज्यादा सरकार का अनुमान
दिसंबर में आरबीआई ने पूरे वित्त वर्ष 2022-23 की 6.8 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। हालांकि इसके बाद मंत्रालय ने मंगलवार को यानी दूसरे अग्रिम अनुमान में वृद्धि का अनुमान सात फीसदी पर बरकरार रखा है।