यूपी-बिहार समेत भारत के नौ राज्य दुनिया के शीर्ष-50 गंभीर जलवायु खतरेवाले क्षेत्रों में शामिल हैं। यूपी, बिहार के अलावा इस सूची में असम, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब तथा केरल का भी नाम है।
जलवायु खतरों को लेकर क्रास डिपेंडेंसी इनीसियेटिव (एक्सडीआई) द्वारा पहली बार किए गए विश्लेषण में यह बात सामने आई है। इसमें विश्व भर के हर राज्य पर पड़ने वाले जलवायु खतरों का आकलन किया गया है।
अध्ययन में जलवायु खतरों से जुड़े आठ नुकसानों के क्षति का आकलन करने के बाद नतीजा निकाला गया है। अध्ययन में 2050 की स्थिति का अनुमान व्यक्त किया गया है। सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक खतरे वाले राज्यों में एशिया के सर्वाधिक प्रांत शामिल हैं।
सर्वाधिक खतरे वाले सौ शहरों में मुंबई को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट में बाढ़, जंगलों की आग,लू, समुद्र के जलस्तर में बढ़ोत्तरी, सूखा, तेज हवाएं, बर्फ का पिघलना, समुद्री बाढ़ को खतरे का आधार माना गया है।
अगर चरम मौसमी हालत पैदा हुए तो सबसे ज्यादा नुकसान एशियाई क्षेत्र को होगा। यदि जलवायु के प्रति निवेश में वृद्धि हुई तो ज्यादा फायदा भी इसी क्षेत्र को होगा। -रोहन हम्देन, सीईओ एक्सडीआई