सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को पांच नए न्यायाधीश मिल गए। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने जस्टिस पंकज मिथल, संजय करोल, पी.वी. संजय कुमार, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और मनोज मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत 34 न्यायाधीशों के मुकाबले अब इनकी संख्या बढ़कर 32 हो गई। शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, वकीलों और नए न्यायाधीशों के परिजनों के सदस्यों ने भाग लिया।
न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और न्यायपालिका के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान के बीच केंद्र ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए पांच न्यायाधीशों के नामों को हरी झंडी दे दी।
हाल ही में कानून मंत्री किरेन रिजिजू सहित कई संवैधानिक पदाधिकारियों ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल उठाया है।
शुक्रवार को अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की पीठ को सूचित किया था कि पांच न्यायाधीशों के नामों को बहुत जल्द मंजूरी दे दी जाएगी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के तबादले को मंजूरी देने में देरी पर केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा था कि इसके परिणामस्वरूप प्रशासनिक और न्यायिक दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है, जो कि सुखद नहीं हो सकती है।