बस्ती में पिछले छह माह में 93 आशा कार्यकर्त्रियों ने एक भी डिलीवरी नहीं कराई। डीएम प्रियंका निरंजन ने विभागीय अधिकारियों को उनकी बर्खास्तगी के निर्देश दिए हैं। उनके स्थान पर ग्राम पंचायत से नई तैनाती करने को कहा है। इसके लिए सीडीओ की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
डीएम रविवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ले रही थीं। उन्होंने हर्रैया एवं रुधौली के बाद भानपुर एफआरयू में ऑपरेशन शुरू होने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बधाई दी। बहादुरपुर में भी एफआरयू शुरू करने के निर्देश दिए।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि मरवटिया, दुबौलिया, गौर तथा परसरामपुर सीएचसी विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में काफी पिछड़ा हुआ है। सीएमओ को माह में एक बार गौर सीएचसी का मुआयना करने को कहा। अन्य तीनों सीएचसी के नोडल एसीएमओ प्रत्येक माह सीएचसी का निरीक्षण करेंगे।
समीक्षा में पता चला कि स्टाफ की कमी के चलते 13 पीएचसी पर परिवार नियोजन की कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। सीएमओ को इसमें सुधार करने को कहा। दिक्कतों के मद्देनजर डीएम ने सभी 16 कंप्यूटर ऑपरेटर के कार्यों की समीक्षा करने को कहा।
बोलीं, यदि वह अपने कार्य से अनुपस्थित रहते हैं या समय से फीडिग पूरी नहीं करते हैं, तो उनके मानदेय में कटौती की जाए। चेतावनी दी कि संविदा भी समाप्त की जा सकती है। डीएम ने आशा संगिनी का रोस्टर जारी करने के निर्देश दिए।